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चंडीगढ़ में 23 मई को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर अवकाश घोषित

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Published : May 19, 2023, 8:52 PM IST

guru arjun dev martyrdom day
चंडीगढ़ में 23 मई को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर अवकाश घोषित ()

चंडीगढ़ प्रशासन ने 23 मई को गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस (guru arjun dev martyrdom day) पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. इस संबंध में चंडीगढ़ प्रशासन ने आदेश जारी किया है.

चंडीगढ़:चंडीगढ़ प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर 23 मई को सभी सरकारी कार्यालयों, बोर्डों, निगमों और संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. इसमें चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में काम करने वाले औद्योगिक प्रतिष्ठान भी शामिल हैं. सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव का शहादत दिवस के सम्मान और स्मृति में यह निर्णय लिया गया है. चंडीगढ़ प्रशासक द्वारा एक आदेश जारी कर 23 मई को चंडीगढ़ में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है.

इसका उद्देश्य गुरु अर्जुन देव जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पूरे चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रमों और प्रार्थनाओं में नागरिकों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाना है. जिन्हें आदि ग्रंथ को संकलित करने के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है, जिसे बाद में सिख गुरु ग्रंथ साहिब में विस्तारित किया गया. हालांकि इस दिन आवश्यक सेवाएं बिना किसी रुकावट के चलती रहेंगी.

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आपको बता दें कि गुरु अर्जुन देव गुरु रामदास और माता बीवी भानी के पुत्र थे और इनका जन्म 15 अप्रैल 1563 को हुआ था. गुरु अमरदास ने ही अर्जुन देव को गुरमुखी की शिक्षा दी थी. वे 1581 में सिखों के पांचवें गुरु बने थे और उन्होंने ही हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा की अमृतसर में नींव रखवाई थी. इसी मंदिर को स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है. श्री गुरु ग्रंथ साहिब में भी गुरु अर्जुन देव के हजारों शब्द हैं और उन्होंने रागों के आधार पर गुरु वाणियों का भी वर्गीकरण किया था.

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गुरु अर्जुन देव ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित कर दिया था. वे हर समाज, समुदाय और वर्ग को समान भाव से देखते थे. गुरु अर्जुन देव को मुगल शासक जहांगीर ने कई यातनाएं दी थी. उन्हें लाहौर में भीषण गर्मी के दौरान गर्म तवे पर बैठाकर उन पर गर्म रेत और तेल डाला गया था और जब वे लगातार पांच दिनों तक दी गई यातनाओं से मूर्छित हो गए तब उनके शरीर को रावी नदी में बहा दिया गया. गुरु अर्जुन देव जी की याद में रावी नदी के किनारे गुरुद्वारा डेरा साहिब का निर्माण कराया गया था. वर्तमान में गुरुद्वारा डेरा साहिब पाकिस्तान में स्थित है.

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