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नहीं कम हो रहे महिला के खिलाफ डोमेस्टिक वायलेंस के मामले, आंकड़े आपको चौंका देंगे

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 25, 2023, 6:31 PM IST

Updated : Nov 30, 2023, 3:49 PM IST

महिलाओं पर हिंसा के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे. एक आंकड़े के मुताबिक इस साल हरियाणा में महिलाओं से जुड़ी शिकायतें 16 हजार के करीब दर्ज की गई हैं.

Elimination Of Violence Against Womens Day
25 नवंबर अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

चंडीगढ़: महिलाओं पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है. दरअसल साल 1960 में डोमिनिकन शासक राफेल टूजिलों ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तीन बहनों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. जिसके चलते 20 दिसंबर 1993 को यूएन की महासभा ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन दिवस की घोषणा की. जिसके बाद से हर साल 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाने लगा.

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले: महिला के खिलाफ हिंसा के आंकड़ों में अभी भी सुधार होता नहीं दिख रहा. ऐसे में इस दिन के महत्व को देखते हुए ईटीवी भारत ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट कन्नू शर्मा से बातचीत की. कन्नू शर्मा ने ईटीवी भारत के साथ चौंकाने वाले आंकड़े शेयर किए. उन्होंने बताया कि अगर उत्तर भारत की बात करें, तो पंजाब में हर साल 10 हजार के करीब शिकायत महिलाओं पर होने वाली हिंसा से संबंधित दर्ज की जाती हैं. वहीं इस साल हरियाणा में महिलाओं से जुड़ी शिकायतें 16 हजार के करीब दर्ज की गई हैं.

इस साल हरियाणा से मिली शिकायतों में 27 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. महिलाओं से जुड़े मामले सबसे अधिक 2020 में देखा गए थे. पंजाब और हरियाणा से डोमेस्टिक वायलेंस के मामले ज्यादा सामने आए. वहीं हिमाचल में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के मामले सबसे कम दर्ज किए गए. इसके अलावा राजस्थान में हर साल औसतन 40 हजार के करीब महिलाओं पर हुई हिंसा की शिकायत दर्ज की गई हैं. अगर पूरे भारत की बात करें, तो इस समय असम एक ऐसा इकलौता राज्य है. जहां महिलाओं से संबंधित शिकायतें सबसे अधिक दर्ज की जा रही हैं.

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी रह चुकी डॉक्टर कन्नू शर्मा ने बताया कि ये दिन महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों और अपराधों को कम करने के एवज में मनाया जाता है. महिलाओं पर आज भी रोजाना अत्याचार हो रहे हैं. आज भी लोगों का महिलाओं को लेकर बर्ताव एक जैसा है. जिसकी वजह से महिलाएं डोमेस्टिक वायलेंस का शिकार हो रही हैं.

डॉक्टर कन्नू शर्मा ने बताया कि भारत सरकार ने देश के अलग-अलग राज्य और शहरों में सखी सेंटर खोले हैं. जहां महिलाओं को सिक्योरिटी दी जाती है. इसके अलावा साइकेट्रिस्ट और साइकोलॉजी द्वारा कंसल्टेशन दी जाती है. उन्हें कानूनी मदद भी मुहैया कराई जाती है, लेकिन इससे संबंधित जानकारी की कमी होने के चलते. इन सेंटर में कम काम हो रहा है. इसके अलावा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की कई ऐसे वकील हैं, जो इस तरह के मामलों के लिए निशुल्क राय देते हैं और अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ताकि महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों व शिकायतों को कम किया जा सके.

महिला अपराधों में नहीं आई कमी

डॉक्टर कन्नू शर्मा ने बताया कि आज भी लाखों शिकायतें ऐसी हैं. जिन्हें समय पर रिपोर्ट नहीं किया जाता और महिलाएं चुपचाप अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को सहती रहती हैं. इसका सिर्फ एक ही मतलब है कि महिलाओं में अपने अधिकारों को लेकर जागरूकता की कमी है. वहीं दूसरी सबसे एक बड़ी वजह ये है कि महिलाएं 'लोग क्या कहेंगे' जैसे शब्दों से आज भी प्रभावित हैं.

कन्नू शर्मा ने बताया कि हम जैसी महिला वकील भी कहीं ना कहीं अपने ऊपर हो रही समस्याओं को छुपा लेती हैं और मामला आगे ना बढ़े इसको लेकर चुप रहती हैं. लेकिन अगर महिलाएं अपने हकों के लिए जागरूक हो जाती हैं और अपने पर हो रहे अत्याचार के कम कर सकती हैं, तो हम जैसी महिलाओं को भी एक ताकत मिलती है.

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Last Updated :Nov 30, 2023, 3:49 PM IST

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