चंडीगढ़: सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत गुरुग्राम से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि, किसान हमारी अर्थव्यवस्था का मूल आधार हैं, इसलिए किसान मजबूर नहीं मजबूत होना चाहिए. किसानों की खुशहाली में ही प्रदेश और राष्ट्र की खुशहाली निहित है, इसलिए खेती और किसान हरियाणा सरकार की नीतियों के केंद्र में हैं. शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, सरकार फसलों के तैयार होने से लेकर बाजार में उसकी बिक्री तक किसानों को हर संभव सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं.
ये भी पढ़ें:बाढ़ पीड़ितों को राहत: सरकार ने बढ़ाई ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावे अपलोड करने की तारीख, जानें कब तक कर सकते हैं अप्लाई
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक फल और सब्जी उत्पादक 12 हजार से अधिक किसानों को 33 करोड़ 26 लाख रुपये की राशि दी गई है. भावांतर भरपाई योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद करते हुए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, भावांतर भरपाई योजना लाकर हरियाणा सरकार ने सही मायनों में सहारा देने का काम किया है.
'किसानों की सफलता से अन्य किसानों को भी मिली प्रेरणा': सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, वर्तमान समय की जरूरत के हिसाब से खेती में नए और सफल प्रयोग करने वाले किसानों ने साहसिक कार्य किया है. इससे अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिली है और खेती में गेहूं व धान के चक्र से बाहर निकलकर बाजार की मांग के अनुसार फसलें बोने लगे हैं. सीएम ने कहा कि, किसानों की इस समस्या को हमने समझा और तय किया है कि फसल बोने से पहले ही किसानों को यह पता चल जाए कि फसल का कम से कम एक सुनिश्चित मूल्य तो मिलेगा ही. इसके लिए राज्य सरकार ने फल व सब्जियों के लिए जनवरी, 2018 से और बाजरे के लिए खरीफ-2021 से भावांतर भरपाई योजना शुरू की है. इसके तहत यदि बाजरे का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चला जाता है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार भाव के अंतर की राशि सरकार द्वारा किसानों को दी जाती है और यह राशि सीधे उनके खातों में डाली जाती है.
हरियाणा में मोटे अनाजों के उत्पादन को दे रहे बढ़ावा: मुख्यमंत्री ने कहा कि, आज जिन किसानों से बात हो रही है, उनमें बाजरा पैदा करने वाले किसान भी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है. मोटे अनाज सेहत के लिए अच्छे हैं, इसलिए आज सेहत के लिए जागरूक लोगों में इनका सेवन करने का रुझान बढ़ा है और इनकी मांग न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी बढ़ी है. हम हरियाणा में भी मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं और किसान को भी इनके लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किये हैं. उन्होंने कहा कि, खरीफ-2021 से पहले सरकार बाजरे की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही थी. लेकिन, हमारे पड़ोसी राज्य इसकी खरीद नहीं करते थे.
ये भी पढ़ें:हरियाणा में 3 से 7 सितंबर 2023 तक होगी जी 20 की बैठक- मुख्य सचिव संजीव कौशल
'बाजरे की पैदावार करने वाले किसानों को दी गई 830 करोड़ रुपये भावांतर भरपाई राशि': सीएम ने कहा कि भावांतर की भरपाई बाजरे की प्रति एकड़ औसत उत्पादकता के आधार पर की गई है. उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन-2021 में बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,250 रुपये प्रति क्विंटल था और औसत बाजार भाव 1650 रुपये प्रति क्विंटल था. हमने 600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भावांतर भरपाई की. खरीफ-2021 में 2 लाख 42 हजार 948 किसानों के खातों में 440 करोड़ रुपये की राशि भावांतर भरपाई के रूप में सीधी डाली गई.
उन्होंने कहा कि खरीफ-2022 में बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,350 रुपये प्रति क्विंटल था और औसत बाजार भाव 1900 रुपये प्रति क्विंटल था. हमने 450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भावांतर भरपाई की. खरीफ-2022 में 2 लाख 76 हजार 620 किसानों के खातों में 390 करोड़ रुपये की राशि भावांतर भरपाई के रूप में सीधी डाली गई. इस प्रकार दो सीजन में बाजरे की पैदावार करने वाले किसानों के खाते में 830 करोड़ रुपये सीधे ही डाले गये.
डीबीटी के माध्यम से किसानों को दिए 50,000 करोड़ रुपये: सीएम मनोहर लाल ने कहा है कि एक समय था जब किसान अपनी फसल बेचता था, तो उसे अपने हक का पैसा नहीं मिलता था. पैसा किसी और के खाते में जाता था और उनको अपने खर्च के लिए समय समय पर किसी के आगे हाथ फैलाने पड़ते थे. सीएम ने कहा कि, हमने इस प्रथा को बंद किया और किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से लगभग 50,000 करोड़ रुपये सीधे उनके खातों में डाले हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साल प्रदेश में लगभग 53,000 सोलर पंप लगाए और इनके लिए किसानों को सब्सिडी दी गई. (प्रेस नोट)
ये भी पढ़ें:हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र 2023: सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग तेज, इन मुद्दों पर हंगामा होने के आसार
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना: सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, किसानों को मौसम के कारण भी फसलों में भारी नुकसान उठाना पड़ता है, इसलिए सरकार ने मौसम की अनिश्चितताओं के जोखिम से किसानों को मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू की है. इसमें बागवानी की 21 फसलें शामिल हैं. इसमें सब्जियों के लिए 75,000 रुपये और फलों के लिए 1 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर क्लेम राशि दी जा रही है.
'2030 तक बागवानी क्षेत्र को दो गुना करने और उत्पादन तीन गुना करने का लक्ष्य': मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य वर्ष 2030 तक बागवानी के अधीन क्षेत्र को दो गुना करके 22 लाख एकड़ करने तथा उत्पादन को तीन गुना करने का है. मुझे विश्वास है कि आप जैसे जागरूक किसानों के सहयोग से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि बागवानी किसानों को बाजार भावों के उतार-चढ़ाव की मार न झेलनी पड़े, इसके लिए भावांतर भरपाई योजना के तहत बागवानी फसलों के लिए संरक्षित मूल्य निर्धारित किया है.