भिवानी: प्रदेश की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकरियों और कृषि विभाग के अधिकारियों को खेतों में किसानों द्वारा पराली नहीं जलाने देने के निर्देश दिए गए. उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इसके लिए पंचायतों की जवाबदेही तय की जाए.
मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि पराली जलाने से ना केवल पर्यावरण प्रदुषित होता है, बल्कि भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती है. उन्होंने कहा कि पराली जलाना एक तरह से धरती मां को आग के हवाले करना है. उन्होंने कहा कि इस बारे में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए.
मुख्य सचिव ने कहा कि गांवों में किसानों को पराली प्रबंधन के प्रति जागरूक किया जाए, ताकि वो पराली जलाने की बजाय उसका प्रबंधन करें. उन्होंने कहा कि जागरूकता को व्यापक स्तर पर सामाजिक अभियान का रूप देना जरूरी है. जहां भी कोई कार्यक्रम हो, वहां पर लोगों को पराली नहीं जलाने की जानकारी दी जाए ताकि उनके दिलो-दिमाग में पराली नहीं जलाने की बात हमेशा रहे.
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उन्होंने कहा कि जहां पर पराली जलाने की घटना होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसके लिए पंचायतों की जवाबदेही तय की जाए. उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो गांवों में जाकर किसानों को पराली प्रबंधन के तरीकों के बारे में जागरूक करें. गांवों में पूरी तरह से निगरानी की जाए ताकि कोई पराली ना जला सके.