भिवानी: हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल सहित कई राज्यों के किसान मधुमक्खी पालन करती है. जिससे वो अपना घर चलाते हैं, लेकिन किसानों को शहद का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते सभी प्रदेश के पदाधिकारियों ने भिवानी में वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले इकठ्ठा होकर सरकार से शहद के उचित दाम की मांग की.
मधुमक्खी पालन टीआरएस जमा सरकार जरा से प्रचार-प्रसार करती रहती है. वहीं मधुमक्खी पालने वालों का कहना हैं शहद का ठीक दाम नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते उन्हें लगता है कि वो इस व्यवसाय को छोड़कर कोई और काम की तलाश करेंगे. जिसके बाद से प्रदेश में आने वाले समय में मधुमक्खी पालन खत्म भी हो सकता है.
हरियाणा कोऑपरेटिव सोसायटी के जीएम नरेश तंवर ने बताया कि आज सभी मधुमक्खी पालन पदाधिकारी इकट्ठे हुए हैं और मधुमक्खी पालन के बारे में बातचीत की गई है.उन्होंने बताया कि एक समय था जब शहद का घी के समान मूल्य मिलता था.
लेकिन अब घी का मूल्य 600 से 700 रुपये प्रति किलो मिलता है, पर शहद का दाम सिर्फ 200 से 300 रुपए प्रति किलो मिलता है. अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले समय में मधुमक्खी पालन बंद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि विदेशों में शहद का निर्यात के साथ-साथ सरकार को शहद के मूल्य पर भी ध्यान देने चाहिए.
Body:मधुमक्खी पालन टीआरएस जमा सरकार जरा से प्रचार-प्रसार करती रहती है वही मधुमक्खी पालने वालों का कहना है कि उन्हें शायद का ठीक है मुल्क नहीं मिल रहा जिससे आने वाले समय में मधुमक्खी पालन खत्म भी हो सकता है ।
हरियाणा कोऑपरेटिव सोसायटी के जीएम नरेश तंवर ने बताया कि आज सभी मधुमक्खी पालन पदाधिकारी इकट्ठे हुए हैं और मधुमक्खी पालन के बारे में बातचीत की है । उन्होंने बताया कि एक समय था जब शहद का घी के समान मूल्य मिलता था। लेकिन अब घी का 600 से ₹700 प्रति किलो मिलता है। लेकिन शहद का दाम सिर्फ 200 से 300 रुपए प्रति किलो मिलता है । अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले समय में मधुमक्खी पालन बंद हो जाएगा ।उन्होंने कहा कि विदेशों में शायद का निर्यात करने के साथ-साथ हैं शायद के मूल्य पर भी ध्यान देना चाहिए ।
बाइट - नरेश तंवर
Conclusion:शहद पांच अमृत धरोहर में माने जाने वाला एक अमृत है जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। मधुमक्खी पालन किसान शहद करके बाजार में बेचते हैं लेकिन उनको इसका ठीक दाम भी नहीं मिल पाता ।ऐसे में सरकार को शादी के दाम पर भी ध्यान देना चाहिए।