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फरीदाबाद नगर निगम घोटाला: चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और जेई दीपक गिरफ्तार

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Published : Jun 24, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Jun 24, 2022, 10:51 PM IST

फरीदाबाद नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार केस (Faridabad Municipal Corporation scam) में गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़ती जा रही है. पहले मुख्य आरोपी डीआर भास्कर और ठेकेदार सतबीर को विजिलेंस टीम गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में विजिलेंस की एसआईटी ने दो और आरोपियों को अब अरेस्ट किया है.

Faridabad Municipal Corporation scam
Faridabad Municipal Corporation scam

फरीदाबाद: नगर निगम में हुए 200 करोड़ के घोटाले (Faridabad Municipal Corporation scam) में विजिलेंस विभाग के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है. घोटाले के मुख्य आरोपी चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और जेई दीपक को विजिलेंस विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. पिछले डेढ़ साल से इस पूरे मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश के बाद विजिलेंस विभाग जांच कर रही है. भ्रष्टाचार की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.

फरीदाबाद नगर निगम के घोटाले में मुख्य आरोपी सतवीर ठेकेदार और एक अन्य चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर को विजिलेंस विभाग की टीम पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. पहले विजीलेंस ने नगर निगम फरीदाबाद में भ्रष्टाचार के दो मुकदमे दर्ज किए थे. इन मामलों में चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और जेई दीपक ने अग्रिम जमानत ले ली थी. अब विजिलेंस ने तीसरा मुकदमा दर्ज कर आरोपी चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और जेई दीपक को गिरफ्तार किया है.

इस मामले में आरोपी सतीश ठेकेदार ने अपने बयानों में इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड डीआर भास्कर को बताया था. जिसके बाद सतवीर ठेकेदार की शिकायत पर ही डीआर भास्कर और रमन शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. विजिलेंस ने दोनों को अपनी जांच के दौरान पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन दोनों में से कोई भी जांच में शामिल नहीं हुआ. जिसके बाद गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किए गए.

फरीदाबाद नगर निगम घोटाला क्या है-फरीदाबाद नगर निगम में करीब 200 करोड़ का घोटाला 2020 में उजागर हुआ था. फरीदाबाद नगर निगम के चार पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है. निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई. ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की सिफारिश की. साल 2020 से विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही थी. इसके बाद विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर, कार्यकारी अभियंता प्रेमराज, कनिष्ठ अभियंता शेर सिंह, लिपिक पंकज कुमार, प्रदीप, लेखा शाखा लिपिक तस्लीम के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया.

विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर की चार फर्मों के बैंक खातों की जांच की. उसके खातों में नगर निगम की तरफ से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिला. इसमें एक मुकदमा 28 मार्च को दर्ज किया गया था. छह अप्रैल को विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में अभी तक केवल आरोपी ठेकेदार सतबीर और डीआर भास्कर की ही गिरफ्तारी हुई थी. मामले में शामिल अन्य किसी भी आरोपी कर्मचारी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी. डीआर भास्कर की गिरफ्तारी के बाद अब चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और जेई दीपक को भी विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है. अभी तक कुल चार लोग इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं.

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Last Updated : Jun 24, 2022, 10:51 PM IST

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