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विश्व रेडक्रॉस दिवस 2021

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Published : May 8, 2021, 11:13 AM IST

रेडक्रॉस संस्था नाम और काम दोनों से दुनिया वाकिफ है। यह संस्था दुनिया भर में प्राकृतिक या मानवीय आपदाओं की अवस्था में प्रभावित लोगों को राहत एवं मदद पहुंचाने का कार्य करती है।

World Red Cross Day
विश्व रेडक्रॉस दिवस

दुनियाभर में शांति और सौहार्द के प्रतीक के रूप में जानी जाने वाली रेडक्रॉस संस्था का स्थापना दिवस 'विश्व रेडक्रॉस दिवस'के रूप में हर साल 8 मई को मनाया जाता है। 1863 में गठित हुई इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (आईसीआरसी) की स्थापना हेनरी ड्यूमेंट के प्रयासों से 1864 में जेनेवा समझौते के दौरान अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस मूवमेंट के तहत हुई थी। गौरतलब है की हेनरी ड्यूमेंट को पहला नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला था। शुरुआत में इसका मुख्य उद्देश्य हिंसा और युद्ध में पीड़ित लोगों एवं युद्धबंदियों की देखभाल तथा उनका पुनर्वास था। गौरतलब है की संस्था का मुख्यालय जेनेवा, स्विटजरलैंड में है। इस संस्था को दुनिया भर की सरकारों के अलावा नेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट संस्थाओं की ओर से आर्थिक मदद मिलती है।

स्वयंसेवी राहत संस्था है रेडक्रॉस

वर्ष 1863 के फरवरी माह में जिनेवा पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी द्वारा एक कमेटी का गठन किया था। जिसमें स्विट्जरलैंड के पांच नागरिक शामिल थे। कमेटी का मुख्य उद्देश्य जन कल्याण के लिए हेनरी डिनैंट के सुझावों पर चर्चा करना था। इस पांच सदस्यीय कमेटी में जनरल ग्यूमे हेनरी दुफूर, गुस्तावे मोयनियर, लुई ऐपिया, थिओडोर मॉनोइर और स्वयं हेनरी डिनैंट शामिल थे। इनमें ग्यूमे हेनरी दुफूर जोकि स्विट्जरलैंड की सेना के जनरल थे, एक साल के लिए वह कमेटी अध्यक्ष रहे और बाद में मानद अध्यक्ष के पद पर भी रहे। इससे पांच सदस्यों वाली कमेटी को शुरूआत में 'इंटरनेशनल कमेटी फॉर रिलीफ टू द वॉउंडेड' के नाम से जाना गया। बाद में इसका नाम 'इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस' हो गया।

अक्टूबर 1863 में कमेटी के तत्वावधान में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें 16 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की थी। इस सम्मेलन में कई उपयुक्त प्रस्तावों और सिद्धांतों को अपनाया गया। इसी सम्मेलन में कमेटी के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतीक चिह्न का भी चयन किया गया। इस अवसर पर दुनिया के सभी राष्ट्रों से ऐसे स्वैच्छिक संगठनों की स्थापना की अपील की गई थी, जो युद्ध के समय बीमार और जख्मी लोगों की देखभाल करें। इन यूनिटों को नेशनल रेड क्रॉस सोसायटीज के नाम से जाना गया।

वर्तमान में भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी की पूरे देश में 700 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क है, जो आपदा और आपातकाल में राहत प्रदान करता है और कमजोर लोगों और समुदायों के स्वास्थ्य और देखभाल को बढ़ावा देता है।

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रेड क्रॉस ब्लड बैंक

रेड क्रॉस सोसाइटी दुनिया भर में लोगों को कैंसर, एनीमिया, थैलीसीमिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के तरीके के बारे में जागरूक करती है। रेड क्रॉस सोसायटी रक्तदान के क्षेत्र में प्रमुखता से कार्य करती है। संस्था द्वारा दुनिया भर में समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन भी किया जाता है और लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है। संस्था द्वारा शिविर लगाकर हर साल बड़ी मात्रा में रक्त एकत्र किया है, ताकि जरूरत के समय किसी प्रकार की कमी ना रहे।

वर्ष 1937 में रेड क्रॉस संस्था द्वारा विश्व का पहला ब्लड बैंक अमेरिका में खोला गया था। जिसके उपरांत भारत में वर्ष 1942 में कलकत्ता के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ के अधीन भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा पहला ब्लड बैंक स्थापित किया गया। वर्ष 1977 में भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी हेडक्वार्टर द्वारा प्रत्यक्ष रूप से ब्लड बैंकों का संचालन किया जाने लगा और इसके तहत विभिन्न राज्यों में भी इसकी शाखाएं स्थापित की गई।

वर्तमान में विश्व के कुल 210 देश रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े हुए हैं। संस्था के सदस्य निस्वार्थ भाव से मानव सेवा का काम करते हैं। वे जरूरत पड़ने पर गांवों और शहरों में एंबुलेंस सेवाएं और दवाइयां पहुंचाने का काम करते हैं।

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