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वैश्विक समस्या है मोटापा : विश्व एंटी-ओबेसिटी दिवस

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Published : Nov 26, 2020, 11:46 AM IST

ओबेसिटी यानी मोटापा दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की माने तो मोटापे तथा ओवर वेट यानी अतिरिक्त वजन के चलते दुनिया भर में हर साल लगभग 2.8 मिलियन लोग अपनी जान गवां देते हैं. इसके अलावा मधुमेह के कुल मामलों में से 44 प्रतिशत, हृदय रोगों से जुड़ी 23 प्रतिशत कैंसर जैसी गंभीर रोगों में 7 से लेकर 41 प्रतिशत मामलों के पीछे की वजह मोटापा होती है.

World Anti-Obesity Day
विश्व एंटी-ओबेसिटी दिवस

मोटापा दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. इससे शरीर में मेटाबॉलिज्म, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और खराब रक्त लिपिड प्रोफाइल जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है, जोकि स्वास्थ्य को गंभीर तौर पर प्रभावित करती हैं. नॉर्मल लोगों की अपेक्षा मोटे लोगों में किसी भी बीमारी का खतरा दोगुना हो जाता है. दुनिया भर में लोगों को ओबेसिटी यानी मोटापे, उसके कारण होने वाली समस्याओं और मोटापे से बचाव के लिए जरूरी जानकारियां देने के उद्देश्य से हर साल 26 नवंबर को वैश्विक स्तर पर 'एंटी-ओबेसिटी दिवस' के तौर पर मनाया जाता है. ओबेसिटी के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह जितना व्यस्को को प्रभावित करती है, उतना ही बच्चों को भी प्रभावित करती है.

शारीरिक, मानसिक और यौन स्वास्थ्य पर भारी मोटापा

ओबेसिटी यानी मोटापा हमारे शरीर में कई छोटे-बड़े रोग होने का कारण तो बनता ही है, यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. ओबेसिटी कोमोरबिड बीमारियों के अतिरिक्त सभी प्रकार की गंभीर बीमारियों में भी स्थिति को गंभीर बना देता है, जिसके चलते व्यक्ति के ठीक होने की गति तो कम होती ही है, बल्कि कई बार उसकी जान पर खतरा भी बन जाता है. वहीं चूंकि समाज में मोटे व्यक्तियों को एक मजाक भरी नजर से देखा जाता है, ऐसे में मोटापे से पीड़ित व्यक्ति अपनी शारीरिक संरचना के चलते अवसाद तथा तनाव से घिर जाता हैं.

ओबेसिटी व्यक्ति के यौन जीवन को भी प्रभावित करता है. मोटापे के चलते शरीर में अक्षमताएं बढ़ती हैं, जिनके कारण यौन रूचि तथा सम्बन्ध बनाने की क्षमता में कमी आती हैं. वहीं शारीरिक संबंधों के दौरान व्यक्ति अपनी शारीरिक संरचना के चलते कभी हीन भावना और कभी परेशानी के चलते शारीरिक निजता के आनंद का अनुभव नहीं कर पाते हैं.

मोटापे के कारण

स्वस्थ जीवन शैली तथा खाने-पीने की अस्वस्थ आदतों के अलावा मोटापे की और भी कई कारण हैं, जो इस प्रकार हैं;

  • अनुवांशिक
  • जेनेटिक
  • खाने की अस्वस्थ आदतें
  • जीवन शैली से जुड़ी अस्वस्थ आदतें
  • गतिहीन और आलसभरी जीवन शैली
  • नींद की कमी
  • भावनात्मक समस्याएं
  • दवाइयां
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
  • गर्भावस्था

कैसे बचें मोटापे से?

  1. स्वस्थ भोजन खाएं :सिर्फ मोटापा ही नहीं किसी भी प्रकार की बीमारी से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि हमारे खाने और पीने की आदत स्वस्थ हो. यानी समय पर खाएं और सही खाएं. कोशिश करें कि हमेशा सही समय पर ताजा तथा पोषक तत्वों से भरपूर भोजन किया जाए. वहीं अति खाने से भी बचें क्योंकि कहावत है कि स्वस्थ शरीर के लिए पेट भर कर खाएं, मन भर कर नहीं. स्वाद के चक्कर में स्वास्थ्य की अनदेखी सेहत पर भारी पड़ सकती है.
  2. नियमित व्यायाम जरूरी :योग, एरोबिक्स, कोई ऐसा खेल जिसमें भागना या दौड़ना पड़ता हो या जिम, व्यायाम की कोई भी शाखा हो, बहुत जरूरी है कि उसे अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल किया जाए. व्यायाम ना सिर्फ तन बल्कि स्वस्थ मन के लिए भी जरूरी हैं, इसलिए प्रतिदिन कम से कम 30-45 मिनट तक व्यायाम जरूर करें.
  3. गतिवान हो दिनचर्या :पिछले कुछ महीनों में कोरोना के चलते वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन स्कूल तथा ट्यूशन के कल्चर के चलते सबसे ज्यादा असर हमारी जीवन शैली पर पड़ा हैं. इन नई व्यवस्थाओं के चलते बच्चे हो या बड़े, सभी का अधिकांश समय कंप्यूटर के सामने बैठ कर ही निकल रहा था. जिसका असर यह हुआ की हमारी जीवन शैली बहुत निष्क्रिय सी हो गई. नतीजा यह रहा की इस समयावधि में बच्चों और बड़ों दोनों में बड़ी संख्या में मोटापे यानी ओबेसिटी की समस्या देखने में आई. इसलिए ऐसी अवस्था से बचने के लिए जरूरी हैं की स्वयं को ऐसे कार्यों में व्यस्त रखें जिसमें चलने फिरने जैसी गतिविधि होती रहे. कक्षा या ऑनलाइन ऑफिस का काम करने के दौरान भी चलने फिरने के लिए छोटे-छोटे अंतराल लेते रहे.
  4. तनाव मुक्त रहें और अच्छी नींद लें :हद से ज्यादा तनाव और अवसाद भी मोटापे जैसी समस्या को बढ़ाता हैं. इसलिए मेडिटेशन करें, अच्छी नींद लें तथा अपने दिमाग को तनावमुक्त रखने की कोशिश करें. यदि आप किसी प्रकार के भावनात्मक संघर्ष से गुजर रहे हो, तो भी तनाव के अधीन हुए बगैर बाहरी या अस्वस्थ खाने की आदत से परहेज करें.

ना सिर्फ तनाव, बल्कि किसी भी प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि हम भरपूर नींद लें. एक अच्छी नींद हमारी कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर कर सकती है.

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