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इन चीज़ों से बढ़ाएं शरीर की प्राकृतिक गर्माहट

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Published : Oct 25, 2021, 2:31 PM IST

सर्दियों के मौसम में गरम तासीर वाले मसालों तथा अन्य आहारों का सेवन शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्माहट देता है. यही नहीं आमतौर पर ऐसे मसाले औषधीय रूप से भी काफी गुणकारी होते हैं. इसलिए संतुलित मात्रा में इनका सेवन स्वास्थ्य और सेहत दोनों को बनाए रखता है.

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सर्दियों का मौसम

नवंबर का महीना शुरू होने को है और देश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम में हल्की गुलाबी ठंडक महसूस होने लगी . यह ऐसा दौर होता है जब लोग सुबह शाम ठंड महसूस तो करते हैं लेकिन ज्यादा मोटे कपड़े पहनने से कतराते हैं. ऐसे में जरूरी है कि उनके भोजन में ऐसे मसाले तथा आहार शामिल हो जो उन्हे अंदर से गर्मी पहुंचाए. इसलिए पोषण विशेषज्ञ ऐसे मौसम में लोगों को अपने आहार में गरम तासीर वाले पदार्थों को शामिल करने की बात करते हैं. अपने विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ETV भारत सुखीभवा अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहा है कुछ गर्म तासीर वाले मसालों तथा आहारों की जानकारी जो अपने पोषण तथा चिकित्सीय गुणों के चलते सेहत और स्वास्थ्य दोनों को बनाए रखने में भी मदद करते हैं.

गुड़

गुड़ को पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है . इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, पोटैशियम, गुड फैट, फॉस्फोरस, आयरन, विटामिन-बी, कैल्शियम, कॉपर और जिंक पाया जाता है. इंदौर की पोषण विशेषज्ञ डॉ संगीता मालू बताती हैं की गुड़ में प्राकृतिक शुगर के साथ भरपूर मात्रा में न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. सफेद चीनी के स्थान पर मीठे में गुड का उपयोग सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इतना ही नहीं, नियमित रूप से गुड़ खाने से न सिर्फ शरीर का मेटाबॉलिक स्वास्थ्य बढ़ता है साथ ही वजन भी काबू में रहता है. ठंड के मौसम में नियमित रूप से गुड़ का सेवन करने वाले लोगों का शरीर प्राकृतिक रूप से गर्म रहता है. इसके साथ ही उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है जिससे खांसी-जुकाम आदि संक्रमण से बचाव हो जाता है.

गुड़

तिल

तिल की तासीर गरम होती हैं इसलिए इसका उपयोग किसी भी प्रकार के आहार में बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं किया जाता है. लेकिन थोड़ी मात्रा में मिठाई या अन्य व्यंजनों में इसका इस्तेमाल शरीर को गर्म रखता हैं. तिलमें पोषक तत्वों के साथ ही औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जैसे इसमें मुख्यतः सेसमीन नाम का एन्टीऑक्सिडेंट पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है. इसके अतिरिक्त इसमें कॉपर, मैंगनीज, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, लोहा, जिंक, विटामिन बी 1, सेलेनियम और आहार फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्‍व पाए जाते हैं. शरीर को गरम रखने के अलावा तिल शरीर में खून की मात्रा को सही बनाए रखने तथा बाल व त्वचा को सेहतमंद रखने में भी लाभकारी माना जाता है. इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को ऊर्जा देते हैं साथ ही इसके सेवन से मेटाबोलिक स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचता है.

तिल

अदरक
अदरक न सिर्फ हमारी चाय और सब्जियों का जायका बढ़ाने का काम करता है बल्कि इसे एक दवा के रूप में भी इस्तेमाल में लाया जाता है. आयुर्वेद में जड़ी-बूटी माना जाने वाला अदरक शरीर पर थर्मोजेनिक प्रभाव छोड़ता है, जिससे शरीर को अदंर से गर्माहट महसूस होती है. डॉ संगीता मालू बताती हैं कि अदरक की तासीर गरम होती है साथ ही इसमें एंटी-फंगल, एंटी-इन्फ्लैमैट्री, एंटी-सेप्टिक, एंटी-बायोटिक तथा एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, जो मौसमी संक्रमण तथा रोगों से बचाते हैं. इसके साथ ही इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, बी कॉम्प्लेक्स, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सिलिकॉन, सोडियम, लोहा, जस्ता, कैल्शियम, बीटा-केरोटीन जैसे खनिज तथा पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. गर्म तासीर वाला अदरक शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायता करता है.

अदरक

बादाम और अखरोट
बादाम और अखरोट दोनों ड्राई फ्रूट्स की तासीर गर्म होती है. दिल्ली की पोषण विशेषज्ञ डॉ दिव्या शर्मा बताती हैं कि सर्दियों के मौसम में संतुलित मात्रा में सूखे मेवों जैसे बादाम और अखरोट का सेवन शरीर में गर्माहट लाने के साथ ही सेहत को भी फायदा पहुंचाता है. बादाम में मोनोसैचुरेटेड फैट्स, ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन, फॉलिक एसिड, विटामिन ई, फास्फोरस और एंटी-ऑक्सीडेंट्स आदि मौजूद होते हैं . जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. वहीं भीगे हुए बादाम खाने से दिल स्वस्थ रहता है और खराब कोलेस्ट्रॉल में राहत मिलती है . वहीं अखरोट में प्रोटीन, वसा, फाइबर,कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन कॉपर, ओमेगा-3 फैटी एसिड, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फॉस्फोरस, सेलेनियम, और जिंक पाया जाता है, जो शरीर को कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं. वे बताती हैं कि सर्दी के मौसम में भी प्रतिदिन 4-5 बादाम और दो अखरोट खाना फायदेमंद होता है.

बादाम और अखरोट

गरम मसाले
डॉ दिव्या बताती हैं कि गरम मसाले जिन्हे खड़े मसाले भी कहा जाता है जैसे दालचीनी, कालीमिर्च, बड़ी इलायची, जायफल, लौंग, चक्रफूल आदि शरीर को अंदर से गर्माहट प्रदान करते हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में किया जाना चाहिए, क्योंकि इनकी तासीर काफी गरम होती है , ज्यादा मात्रा में सेवन से यह शरीर को नुकसान भी पहुँचा सकते हैं. गौरतलब है की ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों के भोजन जैसे कश्मीरी, हिमाचली, और उत्तराखंड के व्यंजनों में इनका उपयोग ज्यादा किया जाता है. इन सभी मसालों में औषधीय गुण भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं इसलिए इन मसालों का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में भी किया जाता है. संतुलित मात्रा में ये मसाले खाने का स्वाद तो बढ़ाते ही हैं,साथ ही इम्यूनिटी को भी मजबूत रखते हैं.

गरम मसाले

केसर
केसरएक बेहद गरम तासीर वाला मसाला है , इसलिए इसका इस्तेमाल बहुत ही कम मात्रा में विशेषकर मिठाइयों में किया जाता है. तेज महक और तीव्र स्वाद वाले इस केसर को सर्दियों में सोने से पहले दूध में मिलाकर पीने से न सिर्फ शरीर में गर्माहट बनी रहती है बल्कि स्वास्थ्य व सेहत को भी काफी फायदे मिलते हैं.

केसर

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