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गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन बच्चे के विकास को कर सकता है प्रभावित

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Published : Mar 30, 2021, 1:07 PM IST

Caffeine affects the growth of the child

एक अध्ययन के अनुसार गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन औसतन आधे कप से कम कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं के बच्चे कैफीन का सेवन ना करने वाली महिलाओं की तुलना में आकार में थोड़े छोटे और दुबले होते हैं।

एक अध्ययन में पाया गया है कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के दौरान प्रति दिन 200 मिलीग्राम कैफीन का सेवन किया यानी लगभग दो कप कॉफी, जन्म के बाद उनके शिशुओं में आकार और दुबले शरीर के द्रव्यमान में समान कमी पाई गई है। माना जाता है कि कैफीन भ्रूण के लिए जोखिम को बढ़ाता है।

छोटे आकार के जन्में शिशुओं में मोटापे, हृदय रोग और मधुमेह का उच्च जोखिम हो सकता है। एनआईएच के यूनिस कैनेडी श्राइवर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट के शोधकर्ता कैथरीन एल. ग्रांट्ज ने कहा की अध्ययन के नतीजे यह बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान कैफीन युक्त पेय पदार्थों को सीमित या रोक लगाना जरूरी हो सकता है।

जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन के लिए, ए टीम ने 12 नैदानिक स्थलों पर 2,000 से अधिक नस्लीय और जातीय रूप से विविध महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिन्हें गर्भावस्था के 8 से 13 सप्ताह तक अवलोकन किया गया।

गर्भावस्था के 10 से 13 सप्ताह तक, महिलाओं ने एक रक्त का नमूना दिया, जिसे बाद में कैफीन और पैराक्सैन्थिन के लिए विश्लेषण किया गया। जब कैफीन शरीर में जाता है, तो एक यौगिक (कम्पाउंड) उत्पन्न होता है।

कैफीन के बिना या न्यूनतम रक्त स्तर वाली महिलाओं के जन्म देने वाले शिशुओं की तुलना में, कैफीन के उच्चतम रक्त स्तर वाली महिलाओं के जन्म देने वाले बच्चे जन्म के समय औसतन 84 ग्राम हल्के (लगभग तीन औंस), 0.44 सेंटीमीटर (लगभग17 इंच) छोटे थे, और सिर की परिधि 0.28 सेंटीमीटर छोटी (लगभग 0.11 इंच) थी।

महिलाओं के पेय पदार्थों के अपने अनुमानों के आधार पर, वे महिलाएं जो एक दिन में लगभग 50 मिलीग्राम (एक आधे कप कॉफी के बराबर) कैफीन का सेवन करती थी, उनके शिशु गैर-कैफीन वाली महिलाओं के शिशुओं की तुलना में 66 ग्राम (लगभग 2.3 औंस) हल्के थे। इसी तरह, कैफीन उपभोक्ताओं के शिशुओं में जांघ की परिधि 0.32 सेंटीमीटर छोटी (लगभग 0.13 इंच) होती है।

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शोधकर्ताओं का कहना है कि कैफीन गर्भाशय और प्लेसेंटा में रक्त वाहिकाओं को संकुचित करने का कारण बनता है, जो भ्रूण के लिए रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है और विकास को रोक सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कैफीन संभावित रूप से भ्रूण के तनाव हार्मोन को बाधित कर सकता है, जिससे शिशुओं में जन्म के बाद तेजी से वजन बढ़ने और बाद के जीवन में मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह का खतरा बढ़ा सकता है।

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