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Delhi Water Supply: पानी की आपूर्ति पर CM अरविंद केजरीवाल की नाराजगी, अधिकारियों को दिए कई निर्देश

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Published : Feb 8, 2023, 10:28 AM IST

अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने दिल्ली के हर घर को स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए जल बोर्ड की चल रही विभिन्न परियोजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं.

CM अरविंद केजरीवाल
CM अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जल-वृद्धि योजना और घरेलू जल कनेक्शन परियोजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने हर घर को नल से स्वच्छ जल पहुंचाने के काम में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई. दिल्ली जल बोर्ड के साथ समीक्षा बैठक में पानी की उपलब्धता तय सीमा तक न पहुंचने की जानकारी मिलने पर खफा हुए मुख्यमंत्री ने जल बोर्ड के अधिकारियों को जल्द से जल्द पानी का उत्पादन 990 एमजीडी से बढ़ाकर 1110 एमजीडी करने के निर्देश दिए हैं.

पानी आपूर्ति पर सीएम की सख्ती:सीएम ने कहा कि जल बोर्ड पानी का उत्पादन बढ़ाने के लिए पूरी दिल्ली में ट्यूबवेल का एक नेटवर्क तैयार करे. बाढ़ क्षेत्रों समेत राजधानी के कई इलाकों में पानी का स्तर ऊपर है, वहां से भू-जल निकाल कर लोगों के घरों में आपूर्ति कर सकते हैं. साथ हीग उन्होंने डीजेबी को लास्ट माइल सीवर कनेक्शन की तर्ज पर लास्ट माइल पानी का कनेक्शन देने के निर्देश दिए. केजरीवाल ने कहा कि सरकार की तमाम कोशिशें जनता तक नहीं पहुंच पा रही है, यह चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली के हर घर में पानी पहुंचाने का संकल्प लिया है, इसलिए हमें इसे पूरा में कोई कसर नहीं छोड़नी है. बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, डीजेबी के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज सहित संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

ट्यूबवेल परियोजना की भी समीक्षा: मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही ट्यूबवेल परियोजना की भी समीक्षा की. परियोजना के तहत सोनिया विहार में 51 ट्यूबवेल स्थापित कर चालू किए गए हैं. इसी तरह पल्ला में 30 ट्यूबवेल, भागीरथी में भी 30 ट्यूबवेल, संगम में कच्चे पानी की सप्लाई बढ़ाई के लिए 3 ट्यूबवेल खोदकर चालू किए गए हैं. वहीं बुराड़ी में पीने के पानी को बढ़ाने के लिए 6 ट्यूबवेल को स्थापित कर चालू किया गया है. कच्चे पानी को बढ़ाने के लिए 6 ट्यूबवेल को फेज-5 के तहत चालू किया गया है और 15 ट्यूबवेल को खोदा गया है, जिनमें से 4 को नांगलोई में पीने के पानी की सप्लाई बढ़ाने के लिए चालू किया गया है. इन 134 ट्यूबवेल से 30.5 एमजीडी पानी मिल रहा है. इसके अलावा पल्ला में 117 ट्यूबवेल, भलस्वा झील में 100 ट्यूबवेल, अक्षरधाम में 7 ट्यूबवेल, नोएडा मोड़ पर 8 ट्यूबवेल, मुंडका में 4 ट्यूबवेल, फेज-5 सीरीज में 14 ट्यूबवेलग और बवाना डब्ल्यूटीपी के आसपास 15 ट्यूबवेल, ओखला में 7 ट्यूबवेल और दिचाऊं में 3 ट्यूबवेल विकसित किए जाने हैं.

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बता दें कि परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए सीएम ने पाया कि पल्ला और बवाना में प्रगति अच्छी नहीं है. उन्होंने अधिकारियों से पिछले एक साल में साइटों पर किए गए कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत करने के लिए कहा है, साथ ही यह बताने के लिए कहा कि इस तरह की देरी का क्या कारण है? वहीं अधिकारियों ने देरी के पीछे कारण साइट पर परियोजना के योग्य जमीन की अनुपलब्धता का हवाला दिया है, जिस पर मुख्यमंत्री ने इन स्थलों के आसपास डीजेबी और डूसिब जैसे विभिन्न विभागों और एजेंसियों की जमीन सहित सरकारी भूमि का उपयोग करने का निर्देश दिया है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 4 महीने का समय निर्धारित किया गया है.

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