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महरौली: कोरोना ने फीका किया गणेश चतुर्थी का रंग, इस बार बदलनी पड़ी पूजा की जगह

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Published : Aug 23, 2020, 9:35 AM IST

कोरोना संकट ने इस साल सभी त्योहारों का रंग फीका कर दिया है. वहीं गणेश चतुर्थी पर भी रौनक गायब रही. दिल्ली के महरौली में भी इस बार सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए कालू राम चौक की जगह ऐतिहासिक कुएं में गणोशोत्सव मनाया गया.

worshiping place of ganesh chaturthi changed at mehraulli due to corona
कोरोना ने फीका किया गणेश चतुर्थी का रंग

नई दिल्ली:कोरोना संकट के कारण इस बार गणोशोत्सव हर साल की तरह धूमधाम से नहीं मनाया गया. इसी कड़ी में दिल्ली के महरौली इलाके में कोरोना गाइडलाइंस के साथ गणेशोत्सव मनाया गया. गाइडलाइंस के अनुसार, सार्वजनिक स्थान से दूसरे स्थान पर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित किया गया.

कोरोना के चलते इस बार महरौली में बदली गणेशोत्सव मनाने की जगह

महरौली में पिछले पांच सालों से कालू राम चौक पर गणेश उत्सव मनाया जाता था. लेकिन इस बार कोरोना के कारण सार्वजनिक स्थान पर उत्सव नहीं मनाने के चलते महरौली के ही पुराने ऐतिहासिक कुएं, जहां पर बहुत गंदगी थी उसे साफ कर पंडाल बनाकर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित किया गया और पूजा पाठ किया गया.

पंडाल लगाने की नहीं मिली अनुमति

बड़ी संख्या में श्रद्धालु विध्नहर्ता भगवान गणपति के दर्शन के लिए यहां पर आए. ग्यारह दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव की यहां पूरी तैयारी की गई. जिसमे लोग सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आकर दर्शन करेंगे और इस महोत्सव में भाग लेंगे. महरौली मे पिछले पांच सालों से कालू राम चौक पर गणेश उत्सव का आयोजन होता आया है. चूंकि ये महरौली के बीचों बीच है और यहां काफी जगह भी है लेकिन इस बार सरकार के गाइडलाइन के अनुसार प्रशासन ने इस जगह पर पंडाल लगाने की अनुमति नहीं दी.

गणोत्सव में बच्चे भी मास्क पहने नजर आए

वहीं लोगों को भगवान गणेश के प्रति इतनी आस्था थी कि पूजा के आयोजक और स्थानीय लोगों ने पुराने ऐतिहासिक कुएं की जगह का चुनाव किया. लेकिन यहां बहुत गंदगी थी. फिर सभी लोगों ने गंदगी को साफ किया और पंडाल लगाकर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित कर उत्सव मनाना शुरू कर दिया.

क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी

भगवान गणेश जी को बुद्धि, विवेक, धन-धान्य, रिद्धि-सिद्धि का कारक माना जाता है. मान्यता है कि गणेश जी को प्रसन्न करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति की स्थापना होती है. मान्यता है कि इसी दिन गौरी पुत्री श्रीगणेश का जन्म हुआ था. इस दिन घर-घर में मंगलमूर्ति की स्थापना होती है. गणेश जी का जन्म मध्याह्न में हुआ है इसलिए गणेशजी को मध्याह्न में बिठाया जाता है. गणेश जी को बिठाने के बाद 10 दिनों तक उनकी पूजा होती है. वहीं आज गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन वर्जित होता है.

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