दिल्ली

delhi

एनीमिया और कुपोषण की रोकथाम के लिए दिल्ली में जुटे दुनिया के विशेषज्ञ

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 23, 2023, 7:23 PM IST

मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था सुकार्य के नेतृत्व में दिल्ली के फिक्की सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में एनीमिया और कुपोषण की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण निष्कर्षों पर चर्चा की गई.

दिल्ली में जुटे दुनिया के विशेषज्ञ
दिल्ली में जुटे दुनिया के विशेषज्ञ

दिल्ली में जुटे दुनिया के विशेषज्ञ

नई दिल्ली:भारत में मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था सुकार्य ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें एनीमिया और कुपोषण को मिटाने पर चर्चा हुई. इसके साथ सम्मेलन में सार्वजनिक स्वास्थ्य, समाज और जनसंख्या के विकास को कैसे प्रभावित करता है? देश में कुपोषण और एनीमिया के बढ़ती समस्या से निपटने में मदद के लिए अनुसंधान और कार्यक्रमों से प्राप्त महत्वपूर्ण निष्कर्षों पर चर्चा की गई.

सम्मेलन का आयोजन सुकार्य द्वारा एनसीईएआर- ए, आईएफपीआरआई, जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, डिपार्टमेंट का ग्लोबल हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन और ग्लोबल वाशिंगटन के साथ साझेदारी में नई दिल्ली स्थित फिक्की ऑडिटोरियम में किया गया. यह सम्मेलन प्रमुख मुद्दों पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, शिक्षकों और समुदाय के प्रतिनिधियों को एक मंच पर साथ लेकर आया.

मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण पर मीरा सत्पथी, फाउंडर एंड चेयरमैन सुकार्य ने बताया, “देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है, जो इसके सामाजिक विकास के साथ जुड़ा हुआ है. हमारे सम्मेलन का उद्देश्य हितधारक साझेदारी और एनीमिया के मामलों और महिलाओं व बच्चों पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए अनुसंधान, कार्यक्रम डिजाइन, कार्यान्वयन के सभी चरणों में समुदायों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ाना है."

सुकार्य ने भारत के 760 गांवों में 70,00,000 महिलाओं और बच्चों तक अपनी पहुंच बनाई है. मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण के महत्व पर संवाद और स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से समुदायों को जोड़ना जारी रखा है. हालांकि, जमीनी स्तर पर कुपोषण और एनीमिया की गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए इस सम्मेलन के दौरान इस क्षेत्र में हुई तकनीकी प्रगति को अपनाने पर जोर दिया गया. सभी प्रतिभागियों के लिए तकनीकी अंतर्दृष्टि को वीडियो, टूलकिट और ब्रोशर जैसे व्यावहारिक संसाधनों में अनुसंधान सरलीकृत किया गया.

ये भी पढ़ें:

  1. ट्रिपल आईटी में खुला देश का पहला मेडिकल कॉबोटिक्स सेंटर, सिलिकॉन के पुतलों पर प्रैक्टिस करेंगे छात्र
  2. International Day of Sign Languages: मूक-बधिर बच्चों को मुफ्त पढ़ा रही रिचा वल्लभ खुल्बे, ऐसे बढ़ाती हैं आत्मविश्वास

ABOUT THE AUTHOR

...view details