दिल्ली

delhi

खंडहर हो गए मेडिकल कॉलेज और गर्ल्स हॉस्टल, 14 करोड़ में बनी थी बिल्डिंग

By

Published : Jul 11, 2021, 9:51 PM IST

जर्जर हालत में पहुंच रही है बिल्डिंग

नरेला इलाके में नगर निगम की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां करोड़ों की लागत से बनकर तैयार हुई बिल्डिंग जर्जर हो रही है. इस बिल्डिंग को मेडिकल कॉलेज और गर्ल्स हॉस्टल के लिए तैयार किया गया था, जो 2013 में बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन उसके बाद से ही इस बिल्डिंग का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है.

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली के नरेला में नगर निगम की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां करोड़ों की लागत से बनकर तैयार हुई बिल्डिंग जर्जर हो रही है. इस बिल्डिंग को मेडिकल कॉलेज और गर्ल्स हॉस्टल के लिए तैयार किया गया था, जो 2013 में बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन उसके बाद से ही इस बिल्डिंग का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते आसपास के लोग निराश भी हैं और सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगा रहे हैं.

दिल्ली में नगर निगम एक तरफ तो हर बार फंड का रोना रोती है और आर्थिक दिक्कतें इस कदर बताई जाती हैं कि कर्मचारियों को तनख्वाह तक समय पर नहीं दी जाती है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के नरेला इलाके में नगर निगम की एक बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई, जिसमें करोड़ों रुपये की लागत से तैयार बिल्डिंग का कोई रखरखाव नहीं हो रहा है. यह बिल्डिंग जर्जर होती जा रही है. बड़ी-बड़ी झाड़ियां और पेड़ इस बिल्डिंग के अंदर और चारों तरफ उग चुके हैं. जहरीले जानवर तो यहां आते ही हैं. साथ ही साथ अब यह जगह शरारती तत्वों के लिए भी एक अड्डा बन चुकी है. पास की झुग्गियों से शराब पीने और नशा करने वाले लोग भी यहां पर जमा रहते हैं.

जर्जर हालत में पहुंच रही है बिल्डिंग


ये भी पढ़ें-नॉर्थ MCD: वेतन को लेकर सफाई कर्मचारियों का इंतजार खत्म, 77 करोड़ की राशि जारी



इस बिल्डिंग को नगर निगम द्वारा करीब 8 साल पहले मेडिकल कॉलेज और गर्ल्स हॉस्टल के लिए तैयार किया गया था. करीब 14 करोड़ की लागत से इस बिल्डिंग का काम पूरा हुआ और बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई. यहां आसपास के लोगों ने भी राहत की सांस ली की अब नरेला और आसपास के इलाके की बच्चियों को दूर पढ़ाई के लिए नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन उसके बाद से ही न तो इसका उद्घाटन हुआ और ना ही यहां पर कॉलेज शुरू हुआ. फेडरेशन ऑफ नरेला के पदाधिकारी इस बिल्डिंग को लेकर नगर निगम के ऊपर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि इस बिल्डिंग में अगर कॉलेज नहीं शुरू हो पा रहा तो इसका इस्तेमाल किसी अन्य विभाग के दफ्तर के लिए किया जा सकता है, लेकिन सालों से जर्जर हालात में होती जा रही यह बिल्डिंग भ्रष्टाचार की तरफ सीधा इशारा कर रही है.

ये भी पढ़ें-दिल्ली की 700 जर्जर इमारतों को नोटिस, कभी भी गिरने की आशंका


दूसरी ओर इस मामले में स्थानीय निगम पार्षद सविता नरेश खत्री का कहना है कि वह भी इस बिल्डिंग को लेकर कई बार पत्राचार कर चुके हैं. उनका भी मानना है कि इस बिल्डिंग में यदि हॉस्टल और कॉलेज नहीं खुल सकता तो किसी अन्य विभाग का दफ्तर खुल जाए जिससे इस बिल्डिंग का सदुपयोग हो सके लेकिन कई बार पत्राचार करने के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जिससे वह स्वयं परेशान हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details