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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के तीसरे प्रवेश द्वार का इतिहास, जिसे आम लोग नहीं जानते

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Published : Sep 23, 2021, 7:48 PM IST

Updated : Sep 26, 2021, 7:33 AM IST

3rd Entrance of New Delhi Railway Station

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में दो प्रवेश द्वार के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में एक और प्रवेश द्वार है, जिसकी जानकारी आम लोगों को नहीं है. इसको अंग्रेजों ने अपने वायसराय के इस्तेमाल के लिये बनाया था और आज इसका इस्तेमाल VVIP मूवमेंट के लिए किया जाता है. ब्रिटिश शासन के बाद तमाम राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों ने इसका इस्तेमाल रेल यात्रा के लिए किया है.

नई दिल्ली :यदि आप नई दिल्ली स्टेशन से यात्रा करते हैं, तो आपने सिर्फ दो प्रवेश द्वार देखे होंगे और उनके बारे में जानते होंगे. एक प्रवेश पहाड़गंज से है तो वहीं दूसरी एंट्री अजमेरी गेट से. लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दो नहीं बल्कि तीन प्रवेश द्वार हैं. तीसरे प्रवेश द्वार को स्टेट एंट्री रोड के नाम से जानते हैं. इस प्रवेश का इस्तेमाल आम लोग तो नहीं करते हैं लेकिन इसका इतिहास और वर्तमान दोनों ही खास हैं.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के तीसरे प्रवेश द्वार का इतिहास

दरअसल, एक स्टेशन होने के बावजूद ब्रिटिश सरकार को दिल्ली में एक नए स्टेशन बनाने की ज़रूरत महसूस हुई थी. साल 1911 में दिल्ली ब्रिटिश सरकार की नई राजधानी बनी और इसी दौरान ईस्ट इंडिया रेलवे कंपनी ने सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को चरणबद्ध तरीके से बनाए जाने की प्लानिंग हुई और साल 1924 में एक छोटे स्टेशन के रूप में यातायात के लिए खोल दिया गया.

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बताया जाता है कि उसी दौरान स्टेट एंट्री रोड का निर्माण स्टेशन को कनॉट प्लेस से जोड़ने के लिए किया गया था. यहां वायसराय के उपयोग के लिए 180×20 माप का प्लेटफार्म बनाया गया, जहां उनका स्वागत हुआ. बाद में इसी स्टेट एंट्री रोड का इस्तेमाल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से घोड़े मोटर गाड़ी व अन्य कार्यों के लिए किया जाता था. आज का इस रोड़ पर रेलवे के तमाम कार्यालय हैं. उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक यहां बैठते हैं तो वहीं जन संपर्क विभाग का भी कार्यालय यहीं है. वहीं आज इस सड़क का इस्तेमाल VVIP मूवमेंट के लिए किया जाता है. ब्रिटिश शासन के बाद तमाम राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों ने इसका इस्तेमाल रेल यात्रा के लिए किया है.

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उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी कुलतार सिंह बताते हैं कि जब ब्रिटिश शासन में दिल्ली को राजधानी बनाया गया था. तब यहां कई तरह के निर्माण कार्य भी हुए थे. उसी समय एक नई स्टेशन की जरूरत आन पड़ी थी और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. पहले चरण में इस स्टेशन पर सिर्फ एक प्लेटफार्म बनाया गया था और इसी प्लेटफार्म को जोड़ने के लिए स्टेट एंट्री रोड भी बना था.

कुलतार सिंह कहते हैं कि ये रास्ता आम लोगों के लिए नहीं है. हालांकि ज़रूरत पड़ने पर ये VIP लोगों के लिए खोला जाता है. कनॉट प्लेस के आउटर सर्किल से शुरू होकर नई दिल्ली स्टेशन के प्लेटफॉर्म एक पर निकलने वाला ये रोड़ करीब 500 मीटर लंबा है. आज भी कई मौकों पर इस एंट्री का इस्तेमाल होता है.

Last Updated :Sep 26, 2021, 7:33 AM IST

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