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दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल पर एलजी ने उठाए सवाल, मुख्य सचिव को लिखा पत्र

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Published : Aug 30, 2022, 9:33 AM IST

Updated : Aug 30, 2022, 3:01 PM IST

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाते हुए मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने पूछा है कि पिछले पांच सालों में शिक्षा पर खर्च बढ़ने के बाद भी सरकारी स्कूलों में छात्रों के दाखिले घट रही है और उनकी हाजिरी इतनी कम क्यों है? साथ ही उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाली फार्मेसी यूनिवर्सिटी से भी पूछा है कि 2015-16 के बाद उनके अकाउंट का ऑडिट क्यों नहीं हुआ? उन्होंने 15 दिनों के भीतर इसकी रिपोर्ट मांगी है. Delhi LG Vinay Kumar Saxena wrote letter

Delhi LG Vinay Kumar Saxena
Delhi LG Vinay Kumar Saxena

नई दिल्ली:दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाते हुए मुख्य सचिव नरेश कुमार को एक लेटर लिखा है. उन्होंने पूछा है कि पिछले पांच वर्षों में शिक्षा पर खर्च बढ़ाने के बावजूद सरकारी स्कूलों में छात्रों के दाखिले घट रहे हैं और उनकी हाजिरी इतनी कम क्यों है? उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को इसके कारणों की जांच करने और इस संबंध में प्राथमिकता के आधार पर एक नोट बनाकर भेजने का निर्देश दिया है. Delhi LG Vinay Kumar Saxena wrote letter

उपराज्यपाल ने दिल्ली के इकोनामिक सर्वे 2021-22 के आंकड़ों का हवाला देते हुए पत्र में लिखा है कि शिक्षा क्षेत्र में इतना अधिक निवेश करने के बावजूद सरकारी स्कूलों में छात्रों का दाखिला कम क्यों होता जा रहा है? सर्वे के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014-15 में शिक्षा पर निवेश 6,145 करोड़ रुपये था जो 2019-20 तक बढ़कर 11,081 करोड़ तक पहुंच गया. प्रति छात्र वार्षिक खर्च भी 2015-16 के 42,806 के मुकाबले 2019-20 में बढ़कर 66,593 हो गया है. मगर इस दौरान सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ने की बजाय कम हो गई.

वर्ष 2014-15 में जहां सरकारी स्कूलों में 15.42 लाख छात्र पढ़ते थे, वहीं 2019-20 में उनकी संख्या घटकर 15.19 लाख रह गई. इसके अलावा वर्ष 2017 से 2022 के बीच सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम रहने पर भी उपराज्यपाल ने चिंता जताई है. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देकर बताया है कि इस दौरान उपस्थिति 55 से 61 फीसद के बीच की रही है. बड़ी तादाद में छात्र स्कूल से नदारद रहे और करीब छह लाख छात्रों ने नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित ही नहीं रहे.

पिछले सप्ताह दिल्ली के उपराज्यपाल ने सरकार द्वारा स्कूलों में बनाए गए कमरों को शौचालय में हुए घोटाले की शिकायत की जांच और देरी को लेकर मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी उन्होंने कहा कि सीवीसी द्वारा जांच के बाद भी इस पर ढाई साल की देरी क्यों हुई है और अब केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाते हुए उन्होंने मुख्य सचिव से पत्र लिखा है.

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Last Updated :Aug 30, 2022, 3:01 PM IST

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