नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी की रफ्तार पिछले कुछ दिनों में काफी बढ़ गई है. संक्रमण दर में कई गुना इजाफा हुआ है. जबकि पहले की तुलना में कोरोना की जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट तथा आरटीपीसीआर टेस्टिंग काफी कम हो रही है. बावजूद जिस तरह मामले सामने आए हैं ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों की बेचैनी इस बात को लेकर बैठ गई है कि कहीं सेल्फ डिटेक्शन किट से तो कन्फ्यूजन नहीं उत्पन्न हो रहा है, जो सामान्य बुखार, सर्दी जैसे लक्षण वालों में भी कोविड-19 की पुष्टि कर रहा है.
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब इस बात पर भी नजर रखी जा रही है कि होम आइसोलेशन में रहने वालों में संक्रमण की तीव्रता कितनी है? जरूरत पड़ी तो सेल्फ डिटेक्शन किट के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई जा सकती है. ताकि कंफ्यूजन की आशंकाओं पर विराम लग जाए. स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. नूतन मूंडेजा के अनुसार लोकनायक अस्पताल के कोविड-19 में अभी सिर्फ 5 मरीज भर्ती किया गया है. दिल्ली में जिस तेजी से मामले बढ़े हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि अस्पतालों में 0.1 फ़ीसदी मरीज भर्ती नहीं है. दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में जो मरीज भर्ती हैं इनमें से चार मरीजों में मधुमेह, हाइपरटेंशन हृदय संबंधी बीमारियां भी है जबकि एक मरीज को रविवार सुबह आरटीपीसीआर आने पर भर्ती किया गया है.
इसलिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कोरोना के मामले भले ही बढ़ रहे हो लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अस्पतालों में एडमिट करने की नौबत ना के बराबर है. पिछले एक सप्ताह में आए नए केसों में मामूली लक्षण दिख रहे हैं, अस्पताल जाने की भी जरूरत नहीं पड़ रही है. कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ही बुधवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी जिसमें मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाने पर विचार किये जाने की उम्मीद है.