नई दिल्ली :दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने संपत्ति कर में छूट का लाभ उठाने के लिए सभी प्रकार की संपत्तियों की जियोटैगिंग को अनिवार्य कर दिया है. यदि कोई करदाता 31 जनवरी 2024 तक अपनी संपत्तियों को जियो-टैग करने में विफल रहता है तो वे 30 जून तक अगले वित्तीय वर्ष (यानी 2024-25) में कर के एकमुश्त अग्रिम भुगतान पर 10% छूट का लाभ नहीं उठा पाएगा.
अधिकारियों ने बताया कि गैर-आवासीय संपत्तियों के कई मामलों में निगम अधिकारी खुद भी जियो-टैगिंग कर रहे हैं. हालांकि, यह करदाताओं को सुनिश्चित करना है कि उनकी संपत्ति की जियो-टैगिंग हो जाए. यदि किसी संपत्ति को एमसीडी अधिकारियों ने पहले ही जियो-टैग कर दिया है तो उसे दोबारा जियो टैग करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
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दिल्ली नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे सभी संपत्ति स्वामी जो एमसीडी के संपत्ति कर पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं. उन्हें अपनी संपत्तियों को पंजीकृत कराना होगा. UPIC जनरेट करना होगा और इसके उपरांत अपनी संपत्तियों को जियो-टैग करना होगा. यदि संपत्ति मालिक 31 जनवरी 2024 तक अपनी संपत्तियों को पंजीकृत करने में विफल रहते हैं तो दिल्ली नगर निगम कर वसूली के लिए कानूनी उपाय करेगा. ऐसे बकाएदारों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाएगा.
मोबाइल एप लॉंचः एमसीडी ने सभी आवासीय और गैर-आवासीय संपत्तियों की जियो-टैगिंग के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. संपत्ति मालिकों को प्ले स्टोर से या वेबसाइट http://mcdonline.nic.in/mcdapp.htmlपर जाकर यह मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा.
संपत्ति की जियो-टैगिंग की प्रक्रिया जानिएःसबसे पहले यूनिफाइड मोबाइल ऐप (यूएमए) खोलें और नागरिक विकल्प चुनें. उसके बाद उपयोगकर्ता को प्रक्रिया में लॉग इन करना होगा. और फिर एक पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग करके जियो-टैगिंग के लिए यूपीआईसी का चयन करना होगा. उसके बाद संपत्ति यूपीआईसी का चयन करें और एक्शन बटन पर जाएं. मानचित्र स्थान को पॉप अप करने के लिए 'जियो-टैगिंग' पर क्लिक करें.
जिन संपत्ति मालिकों के पास उनकी संपत्तियों का यूपीआईसी नंबर नहीं है. उन्हें पहले यूपीआईसी जेनरेट करना होगा और फिर निर्देशित चरणों का पालन करना होगा. इसके बाद जियो को-ऑर्डिनेट्स कैप्चर करें. कैप्चर 'जियो कोऑर्डिनेट्स' बटन पर क्लिक करें. 'प्रॉपर्टी के लिए तस्वीरें जोड़ें' पर क्लिक करें और तस्वीरों के सामने एक कैप्शन जोड़ें. उसके बाद, जियो टैग और फोटो सबमिट करें.
विवरण सबमिट करने के लिए हां बटन पर क्लिक करें. अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम संपत्ति मालिकों से अपील करता है कि वे अपनी संपत्ति की जियो-टैगिंग की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें और दिल्ली के विकास में योगदान दें.
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