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राकेश टिकैत के आह्वान पर गाजियाबाद में भारतीय किसान यूनियन निकाली ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा, की ये मांगें

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Published : Aug 11, 2023, 8:00 PM IST

गाजियाबाद में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन गाजियाबाद की ओर से ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस दौरान भाकियू के गाजियाबाद इकाई के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने पर ध्यान देना चाहिए.

Kisan Union took out tractor tricolor march
Kisan Union took out tractor tricolor march

बिजेंद्र सिंह

नई दिल्ली/गाजियाबाद:भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर गाजियाबाद इकाई द्वारा ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकाली गई. भाकियू के गाजियाबाद इकाई के जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह के नेतृत्व में किसानों ने ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकाली. यह यात्रा दोहाई गांव स्थित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के पुल नीचे शुरू होकर राष्ट्रीय राजमार्ग-58 होते हुए राजनगर एक्सटेंशन चौराहा हापुड़ चुंगी के रास्ते जिला मुख्यालय पहुंची. यहां पहुंचकर किसानों ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

इसके बाद बिजेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर शुक्रवार को देश भर में ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकाली गई. प्रत्येक जिले मुख्यालय पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर यात्रा के समापन के बाद, गन्ने का समय पर भुगतान और एसपी पर कानून समेत कई मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है.

यह है किसानों की मुख्य मांग-

  1. गन्ने की खेती पर बढ़ते हुए खर्च को देखते हुए प्रदेश सरकार 500 रुपये प्रति कुंतल गन्ने का भाव घोषित करे. साथ ही गन्ने के भुगतान की व्यवस्था डिजिटल हो.
  2. प्रदेश की कई चीनी मिलों पर आज भी करोड़ों रुपये के गन्ने का भुगतान बाकी है, जिसे लेकर किसान मिल परिसर में लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का बकाया भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए.
  3. किसानों के सामने प्रदेश में सबसे विकराल समस्या छुट्टा पशु हैं. सरकार ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी परती की जमीनों पर पशुशालाएं बनाएं ताकि किसानों को खेती के अलावा जान-माल की सुरक्षा भी हो सके.
  4. एमएसपी गारंटी कानून बनाने के मामले में केंद्र सरकार पहल करे और कानून को अमलीजामा पहनाया जाए. साथ ही देश में अलग से एक किसान आयोग का गठन किया जाए.
  5. फसलों की बुवाई के समय उर्वरक केंद्रों पर पूर्ण मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया जाए, जिससे किसानों को असुविधा का सामना न करना पडे़. वहीं विकसित देशों की तरह खाद-बीज व कीटनाशक के क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में किसानों के नाम पर उद्योगों को दी जा रही सब्सिडी सीधे किसानों को दी जाए.
  6. देश में भूमि अधिग्रहण की नीति को किसानों के अनुकूल बनाया जाए. गांवों के उजड़ने की कीमत पर उन सभी ग्रामीणों के उत्थान के लिए विशेष योजना बने. साथ ही बाजार भाव से जमीनों के मुआवजे के भुगतान की व्यवस्था की जाए.

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