नई दिल्ली:राजधानी में दिवाली को लेकर बाजार तैयार हैं. बाजारों में भारी भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में दिवाली के दौरान पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के अस्पतालों में भी तैयारी की गई है. सफदरजंग अस्पताल में बर्न वार्ड के अलावा पटाखे से जलने वाले मरीजों को ध्यान में रखते हुए 20 बेडआरक्षित रखे गए हैं. इसके अलावा दिवाली पर 24 घंटे सभी डॉक्टर और नर्स ड्यूटी पर तैनात रहेंगे. किसी को भी इस दौरान छुट्टी नहीं दी गई है.
सफदरजंग अस्पताल में 20 और लोकनायक अस्पताल में मरीजों के लिए 70 बेड आरक्षित दिवाली पर भी पूरी क्षमता के साथ अस्पताल में 24 घंटे सेवाएं चालू रहेगी. इसके अलावा इमरजेंसी में चार काउंटर अलग से बनाए गए हैं, जिससे कि इमरजेंसी स्थिति में आने वाले मरीजों को भर्ती करने में परेशानी ना हो. इसके साथ ही दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक में भी 70 बेड का डिजास्टर वार्ड तैयार रखा गया है. वार्ड में जले हुए मरीज के इलाज के लिए सभी आवश्यक सामान की व्यवस्था की गई है.
सफदरजंग अस्पताल में बर्न वार्ड के अलावे 20 बेड पटाखे से जलने वाले मरीजों को ध्यान में रखते हुए आरक्षित अस्पताल में एक्सीडेंट एंड इमरजेंसी विभाग की उपाधीक्षक डॉक्टर ऋतु सक्सेना ने बताया बताया कि रात के समय भी दिवाली पर इमरजेंसी में सभी डॉक्टर और नर्स की मौजूदगी रहेगी. अस्पताल में पटाखे से जलने का कोई भी मामला आने पर मरीज को तुरंत उपचार दिया जाएगा. अगर मरीज भर्ती करने की स्थिति में होगा तो उसे भर्ती भी किया जाएगा. बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने भी दीवाली पर आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की है. इसके अलावा नगर निगम के हिंदू राव अस्पताल, स्वामी दयानंद हॉस्पिटल और केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बेड आरक्षित किए गए हैं.
दिवाली पर दिल्ली के अस्पतालों में अलर्ट, पटाखों से जलने वाले मरीजों के लिए की गई विशेष तैयारी बता दें कि राजधानी में 4 से 5 साल पहले जब दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध नहीं होता था तब पटाखों से जलने के 200 से ढाई सौ मामले आते थे. लेकिन, जब से पटाखों पर बैन लगने लगा है तब से पटाखे से जलने की 50 से 100 मामले सामने आते हैं. इनमें से कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की भी जरूरत पड़ती है. वहीं, अधिकतर को प्राथमिक उपचार देकर ही घर भेज दिया जाता है, उनको भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ती.