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रूसी मिसाइल आपका पासपोर्ट देखकर वार नहीं करेगी, मैं अपने कोच के लिए चिंतित हूं: पैरालंपियन शरद कुमार

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Published : Feb 26, 2022, 5:25 PM IST

Updated : Feb 26, 2022, 6:19 PM IST

चिंतित शरद कुमार ने ईटीवी भारत को टेलीफोन पर बातकर बताया, "मैंने कल शाम कोच से बात की थी, वो सभी चिंतित हैं क्योंकि उनके क्षेत्र में और अधिक बमबारी हो रही है. वो वर्तमान में भूमिगत रह रहे हैं. उनका परिवार डरा हुआ है."

EXCLUSIVE: Russian missiles don't see any passport, I am worried about my coach, says Paralympic Bronze medallist Sharad Kumar
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हैदराबाद: भारतीय पैरालिंपियन शरद कुमार अपने कोच के लिए चिंतित हैं क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच बात युद्ध तक पहुंच गई है. यूक्रेन के आसमान पर मिसाइलें बरसती दिख रहीं हैं जो जमीनों को चकनाचूर कर रहीं हैं. सुरक्षा के लिए चिल्ला रहे लोगों को खामोश कर दिया गया है ऐसे में कुछ लोग या तो भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में रह रहें हैं और अन्य मिसाइलों की गड़गड़ाहट से दूर शरण लेने की कोशिश कर रहें हैं.

शरद कुमार, जिन्होंने पिछले साल टोक्यो पैरालिंपिक में कांस्य पदक जीता था उन्होंने 2017 से टोक्यो पैरालिंपिक से पहले तक यूक्रेन के खार्किव के निवासी निकितिन येवेन के संरक्षण में हाई जम्प की बारीकियां सीखीं थीं.

चिंतित शरद कुमार ने ईटीवी भारत को टेलीफोन पर बातकर बताया, "मैंने कल शाम कोच से बात की थी, वो सभी चिंतित हैं क्योंकि उनके क्षेत्र में और अधिक बमबारी हो रही है. वो वर्तमान में भूमिगत रह रहे हैं. उनका परिवार डरा हुआ है."

उनके अनुसार, रूस से निकाली मिसाइलें "कोई पासपोर्ट नहीं देख रही हैं हमला करने से पहले"

खार्किव शहर राजधानी कीव से सिर्फ 500 किलोमीटर की दूरी पर है, जो वर्तमान में एक चौतरफा रूसी हमले का सामना कर रहा है, लेकिन रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सेना कड़े प्रतिरोध का सामना कर रही है, जबकि बढ़ती मौतों के बीच कई लोग वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं.

वो अपने कोच के परिवार के बारे में चिंतित है जो यूक्रेन में अपने घर पर हैं.

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शरद ने कहा, "मैंने जो कुछ भी जीता वो उनकी वजह से था. मैं उनके परिवार के बारे में चिंतित हूं. मैं वहां चार साल तक यूक्रेन में रहा और उन्होंने मेरी देखभाल की थी. अगर मैं किसी चीज में कुछ जीता हूं तो वो भी उनकी वजह से,"

इस लेख को लिखते समय, यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको ने कहा कि रूसी हमले में 198 लोग मारे गए और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए.

इस बीच, कुमार ने भारतीय दूतावास से मदद मांगी.

शरत ने कहा, "मैंने दूतावास से बात की. उन्होंने मुझे बताया कि इस समय ये बहुत मुश्किल होगा लेकिन अगर कोई मौका बना तो वो सूचित करेंगे."

कुमार घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं और उन्होंने 24 फरवरी को अपने कोच की स्थिति के बारे में ट्वीट भी किया था."

मैंने मेरे कोच से अभी बात की, वो चिंतित है, वो अपने कमरे से बमबारी सुन सकते हैं, वो वहां से जाने की योजना बना रहे है उनका गैरेज भूमिगत है."

पैरालंपिक पदक विजेता ने खार्किव पॉलिटेक्निक संस्थान में अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रबंधन का अध्ययन किया और वो उन दोस्तों के संपर्क में है जो उनकी मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं.

शरद ने कहा, "वो सभी रो रहे हैं. मैंने उनसे बात की और उन्होंने कहा कि मैं हाई प्रोफाइल का एथलीट हूं और मुझसे पूछा कि क्या कुछ किया जा सकता है. लेकिन मुझे अपनी बेबसी पर अफसोस हो रहा है कि युद्ध का सामना कर रहे अपने दोस्तों की मैं मदद नहीं कर पा रहा हूं. मैं कुछ नहीं कर सकता. कुछ भी मेरे हाथ में नहीं है. कुछ भी नहीं. मैं हाई प्रोफाइल का एथलीट नहीं हूं. मैं सिर्फ एक एथलीट हूं जिसने कुछ हासिल किया है. मेरे पास कोई संपर्क या कुछ भी नहीं है जो उनकी मदद कर सके."

---आयुष्मान पांडे

Last Updated : Feb 26, 2022, 6:19 PM IST

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