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जब कैप्टन कूल (एमएस धोनी) ने मैदान पर आपा खोया... जानिए कब और क्यों?

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Published : Aug 16, 2020, 5:14 PM IST

महेंद्र सिंह धोनी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में ज्यादातर समय शांत चित्त होकर फैसले लेते हुए नजर आये लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ जब 'कैप्टन कूल' ने तनावपूर्ण परिस्थितियों में मैदान पर आपा खो दिया.

former india captain ms dhoni
former india captain ms dhoni

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट जगत के सबसे शांत खिलाड़ियों में से एक माना जाता था. हालांकि करियर के दौरान उनके गुस्से का सामना कई बार साथी खिलाड़ियों और अंपायरों को करना पड़ा है. अपनी लाजवाब कप्तानी और 'फिनिशिंग' के हुनर से महानतम क्रिकेटरों में शुमार दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया.

आईपीएल में अंपायर के फैसले से नाराज धोनी गुस्से में मैदान पर पहुंच गए

राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैदान पर आए धोनी

इसी तरह का एक क्षण तुरंत ही याद आ जाता है क्योंकि ये घटना हाल की ही है जो पिछले साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच के दौरान घटी थी.

चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मुकाबले में वो खेल के दौरान ही मैदान में घुस गये थे. मैच का अंतिम ओवर था और चेन्नई सुपरकिंग्स को जीत के लिए 18 रन की दरकार थी. बेन स्टोक्स ने फुल टॉस गेंद फेंकी और अंपायर उल्हास गांधी ने इसे 'नो बॉल' करार कर दिया और फिर अचानक अपने फैसले से पीछे हट गए. इससे धोनी को गुस्सा आ गया और वह मैदान के अंदर घुस गये जिसके कारण उनकी मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था.

इस घटना को याद करते हुए अंपायर गांधी ने ज्यादा कुछ नहीं कहा, उन्होंने कहा, ''मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि नियत प्रक्रिया का पालन किया गया था.'' हालांकि एक पूर्व बीसीसीआई अंपायर ने यह भी कहा, ‘‘इसमें अंपायर और धोनी दोनों गलत थे.''

एक और घटना थी जब धोनी ने 2012 में ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज के दौरान अंपायर बिली बोडेन पर ऊंगली उठायी थी. तीसरे अंपायर ने माइक हसी को स्टंप आउट का फैसला किया लेकिन रिप्ले में दिख रहा था कि उनका एक पैर क्रीज के अंदर था. टीवी अंपायर की गलती महसूस करते हुए बोडेन ने हसी को वापस बुला लिया जब वो ड्रेसिंग रूम की ओर बढ़ रहे थे.

सीबी सीरीज के दौरान अंपायर बिली बोडेन से बात करते हुए धोनी

धोनी को ये अच्छा नहीं लगा जिन्होंने न्यूजीलैंड के अंपायर की ओर ऊंगली से इशारा करते हुए अपनी नाराजगी दिखायी. कुछ और क्षण थे जब वो अपनी टीम के साथियों को गलती करने और उनकी सलाह पर ध्यान नहीं देने के लिए डांट रहे थे और उनकी ये बातें स्टंप माइक में सुनी गयी.

  • इंग्लैंड के 2009 दौरे के दौरान खिलाड़ियों की परेड को नहीं भुलाया जा सकता जब वो तब के उपकप्तान वीरेंद्र सहवाग के साथ उनके मतभेदों की खबरों से काफी नाराज थे. तब उन्होंने टीम की एकता को लेकर एक बयान भी पढ़ा था.
  • दक्षिण अफ्रीका में 2018 में एक टी20 मैच के दौरान उन्होंने बल्लेबाज मनीष पांडे को फटकारा था कि वह अतिरिक्त रन लेने की उनकी आवाज पर ध्यान नहीं दे रहे थे क्योंकि धोनी खुद एक एक रन चुराने में माहिर थे.
  • तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को भी न्यूजीलैंड के 2014 दौरे के दौरान बख्शा नहीं गया जिन्होंने धोनी की सलाह नहीं मानते हुए बाउंसर लगाया जो कप्तान के सिर से निकलता हुआ बाउंड्री के लिए चला गया.
  • शमी ने हाल में इंस्टाग्राम चैट में लिखा, ''माही भाई ने मुझे थोड़ा कड़ी भाषा में बोला, 'देख बेटा, बहुत लोग आए मेरे सामने, बहुत लोग खेल के चले गये झूठ मत बोल'.''

मुस्तफिजुर रहमान को दिया धक्का

मुस्तफिजुर रहमान और एमएस धोनी

बांग्लादेश में 2015 वनडे के दौरान धोनी पर तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को धक्का देने के लिए उनकी मैच फीस का 75 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था जब वह एक रन पूरा करने की तेजी में थे. मुस्तफिजुर पर भी उनकी मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगा क्योंकि वो धोनी के रास्ते में आए थे. इन घटनाओं के बावजूद धोनी ने जिस तरह से खुद को इन वर्षों में आगे बढ़ाया, उसके लिए उनका सम्मान किया जाता है.

नितिन मेनन ने धोनी को किया याद

हाल में आईसीसी एलीट अंपायरों के पैनल में पहुंचे नितिन मेनन ने धोनी के साथ अपनी बातचीत के बारे में कहा, ''मैंने 2017 में कानपुर में भारत और इंग्लैंड के बीच टी20 से अपना अंपायरिंग पदार्पण किया था. भारत मैच हार गया लेकिन धोनी ने मुझे बधाई दी क्योंकि ये मेरा पहला मैच था. उन्होंने मुझसे कहा कि आपने अच्छा किया. उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं थी लेकिन उन्होंने ऐसा किया.''

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी

उन्होंने कहा, ''श्रृंखला के दौरान यात्रा में मैंने उन्हें कभी भी बिजनेस क्लास में सफर करते हुए नहीं देखा, जबकि उनके पास विकल्प होता था. वो हम सभी की तरह इकोनोमी क्लास में होते थे. उनके लिए ये मायने नहीं रखता.'' मेनन ने कहा, ''मैच और मैच के बाद वो मैदान पर बातचीत में घरेलू खिलाड़ियों के बारे में भी अकसर पूछते. कौन अच्छा कर रहा है, इसी तरह की बातें.''

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