नई दिल्ली :भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पूर्व भारतीय ओपनर सुधीर नायक के निधन पर शोक व्यक्त किया है. सुधीर नायक का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया था. नायक ने 1974 और 1975 के बीच भारत के लिए तीन टेस्ट और दो वनडे मैच खेले थे. 24 मार्च को वह अपने घर में गिर गए थे, जिसके बाद एक उनकी हालत नाजुक होने के चलते उन्हें प्राइवेट अस्पताल के आईसीयू में उनको भर्ती किया गया था. लेकिन उन्होंने 78 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्होंने 1974 में हेडिंग्ले लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में भारत का पहला चौका लगाया था.
सुधीर नायक राष्ट्रीय स्तर पर तब चमके जब उन्होंने मुंबई को 1970-71 में रणजी ट्रॉफी का खिताब जिताया. वह भी तब, जब वेस्टइंडीज दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा होने के बाद सुनील गावस्कर, अजित वाडेकर और दिलीप सरदेसाई मुंबई टीम का हिस्सा नहीं थे. अगले सीजन में स्टार खिलाड़ियों की वापसी की वजह से उन्हें टीम से बाहर किया गया. लेकिन 1974 में उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए फिर से चुना गया था और बमिर्ंघम टेस्ट में उन्होंने डेब्यू किया, जहां उन्होंने 77 रन की शानदार पारी खेली थी. उन्होंने 85 वनडे मैच खेलते हुए 35.29 की औसत से 4376 रन बनाए, जिसमें एक दोहरे शतक समेत सात शतक शामिल थे.
संन्यास के बाद इस रोल में थे सुधीर नायक
1977-78 में संन्यास के बाद वह क्रिकेट प्रशासक, कोच और बाद में वानखेड़े स्टेडियम के प्रमुख क्यूरेटर बने. भारत ने जब 2011 में वनडे विश्व कप जीता था, तो वह मुंबई क्रिकेट संघ में प्रमुख क्यूरेटर थे. इसके साथ ही 2013 में सचिन तेंदुलकर के आखिरी टेस्ट में भी उन्होंने ही पिच बनाई थी. बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने उनके निधन पर कहा कि 'हमें सुधीर नायक के निधन से गहरा दु:ख पहुंचा है. दशकों तक उनका मजबूत योगदान हर किसी को प्रेरित करेगा, जो इस खेल को अपनाना चाहते हैं. हम दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं'.