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नेपाल में भूकंप झटके, रिक्टर स्केल पर 5.1 की तीव्रता मापी गई

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Published : Oct 19, 2022, 3:44 PM IST

Updated : Oct 19, 2022, 5:21 PM IST

नेपाल के काठमांडू से 53 किमी पूर्व में बुधवार दोपहर करीब 2.52 बजे 5.1 तीव्रता का भूकंप आया है. भारत के बिहार राज्य में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गए. भकूंप के झटके राजधानी पटना सहित राज्य के कई जिलों में महसूस किए गए हैं.

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काठमांडू : नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में बुधवार को 5.1 तीव्रता का भूकंप (earthquake in Nepal) आया, जिससे कई लोग सुरक्षा के लिए अपने घरों से बाहर निकल गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 2.52 बजे 5.1 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र काठमांडू से 53 किमी पूर्व में था. भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी.

अखबार 'माय रिपब्लिका' की खबर के मुताबिक, भूकंप का केंद्र सिंधुपालचौक जिले में नेपाल-चीन सीमा पर था. खबर में कहा गया कि भूकंप काठमांडू घाटी और पड़ोसी जिलों में महसूस किया गया. किसी के हताहत होने या नुकसान की अभी कोई सूचना नहीं मिली है. नेपाल में अप्रैल 2015 में 7.8 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया था जिससे करीब 9,000 लोग मारे गए थे और 22,000 जख्मी हो गए थे. भूकंप से 8,00,000 मकानों और स्कूल की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा था.

वहीं, भारत के बिहार राज्य में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गए. भकूंप के झटके राजधानी पटना सहित राज्य के कई जिलों में महसूस किए गए हैं. नेपाल से सटे इलाकों में झटके महसूस किए गए. कई जिलों से झटके महसूस होने की पुष्टि हुई है. पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. फिलहाल मिली रही ताजा अपडे्टस के अनुसार भूकंप से किसी प्रकार के जान माल की हानि नहीं हुई है.

जानें क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है.

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जानिए भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है. इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है. अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है.

भूकंप आने पर क्या करें

यदि आप घर के अंदर हैं तो सबसे पहले फर्श पर बैठ जाएं. इसके बाद किसी मजबूत फर्नीचर या पलंग के नीचे घुसकर बैठे. यदि घर में मेज और फर्नीचर नहीं है तो अपने हाथों से मुंह और सिर को ढंक ले और कमरे में दुबककर बैठ जाएं.

सतर्कता बरतना बेहद जरुरी

किसी इमारत के अंदर नहीं है तो एकदम खाली स्थान पर चले जाए. किसी इमारत, पेड़ और बिजली पोल के नजदीक ना रहे. ड्राइविंग कर रहे हैं तो वाहन रोक दे. मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के-हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें.अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं. अपने घर में हमेशा आपदा राहत किट तैयार रखें.

Last Updated :Oct 19, 2022, 5:21 PM IST

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