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पैंडोरा पेपर्स ने वित्तीय अपराध को अंजाम देने वालों का पर्दाफाश किया

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Published : Oct 7, 2021, 7:19 PM IST

वाशिंगटन डीसी में स्थित गैर-लाभकारी मीडिया संगठन और पत्रकारों के नेटवर्क इंटनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) ने पैंडोरा पेपर्स जांच में खुलासा किया है कि अपना अवैध धन छुपाने की इच्छा रखने वालों के लिए अभी भी कई सुरक्षित पनाहगाह मौजूद हैं.

पैंडोरा पेपर्स
पैंडोरा पेपर्स

ओटावा : वाशिंगटन डीसी में स्थित गैर-लाभकारी मीडिया संगठन और पत्रकारों के नेटवर्क इंटनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) ने पैंडोरा पेपर्स जांच में खुलासा किया है कि अपना अवैध धन छुपाने की इच्छा रखने वालों के लिए अभी भी कई सुरक्षित पनाहगाह मौजूद हैं.

पैंडोरा पेपर्स संबंधी खबरों में जिन लोगों के नाम मीडिया में ज्यादा नहीं उछल रहे हैं, वे दुनिया के अमीर लोगों को और अमीर बनाने में मदद करने वाले लोगों में से हैं. यह वैसे लोग हैं जो कर बचाकर या चोरी करके अमीरों को अपना धन बढ़ाने में मदद करते हैं. ये लोग अपराधियों या भ्रष्ट तंत्र में शामिल लोगों के अवैध धन को छुपाने में मदद करते हैं.

ये लोग अपने ग्राहकों की तरह भले ही अमीर ना हों लेकिन इन्हें हजारों अरब रूपये छुपाने के एवज में लाखों का भुगतान मिलता है.

धन सुरक्षा उद्योग...

वर्षों से मजबूत जड़ें जमा चुका यह ‘धन सुरक्षा उद्योग' सलाहकारों, बैंकरों, वकीलों, अकाउंटेंट, नोटरी और एस्टेट एजेंसी जैसे पेशेवरों के गठबंधन से बना है, जो अनाम छद्म कंपनियों, पारिवारिक दफ्तरों, ऑफशोर खातों (विदेशी बैंक खातों) और ट्रस्ट की मदद से दुनिया भर के अमीर लोगों को आयकर विभाग या कर वसूलने वाले सरकारी विभागों से उनका धन छुपाने में मदद करते हैं.

बहुत ज्यादा भुगतान प्राप्त करने वाले ये लोग दुनिया भर के पेट्रोलियम से पैसे कमाने वालों, तानाशाहों और अपराधियों की मदद करते हैं.

मुख्य धारा में खराब छवि वाले देशों और अमीर लोगों से जुड़े वास्तविक अपराध, गड़बड़ियों और वित्तीय अनियमितताओं की कई खबरें आती हैं. लेकिन इस वित्तीय प्रणाली में शामिल उन बिचौलियों का क्या जो पूरी प्रक्रिया में मदद करते हैं और अपराधियों को बचकर निकलने का रास्ता दिखाते हैं? कुछ लोग प्रतिष्ठित पेशेवरों और उद्यमों को पैसे देते हैं, ताकि उनके लिए राजनीतिक दरवाजे खुल सकें, उन पर लगे प्रतिबंधों के खिलाफ के लॉबिंग की जा सके, कानूनी लड़ाई लड़ी जा सके और धन तथा साख बढ़ाया जा सके. ऐसा करते हुए ये लोग और संस्थाएं कानून के दायरे को अपने हिसाब से बड़ा करते हैं और हमारे लोकतंत्र के सिद्धांतों को नीचे गिराते हैं.

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डेलॉयट एंटी-मनी लांड्रिंग प्रिपेयर्डनेस सर्वे रिपोर्ट 2020 के अनुसार एक साल में जितनी धन राशि का शोधन होता है वह वैश्विक जीडीपी का दो से पांच प्रतिशत होती है. यह धन राशि वार्षिक 800 करोड़ अमेरिकी डॉलर से लेकर 2000 अरब अमेरिकी डॉलर तक होती है.

आईसीआईजे की फिनसेन फाइलें अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग, अज्ञात ग्राहकों (क्लाइंट) और कई मामलों में वित्तीय अपराधों की छुपी हुई दुनिया के भीतर की गोपनीय दुनिया को सबके सामने लाती है.

(पीटीआई-भाषा)

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