दिल्ली

delhi

सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप के लिए राजी करना ट्रंप के लिए आसान नहीं

By

Published : Nov 7, 2020, 3:45 PM IST

ट्रंप राष्ट्रपति पद के चुनाव में 'धांधली के खिलाफ' सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं, लेकिन उनके लिए यह आसान नहीं होगा. सन 2000 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश भी अदालत की शरण में गए थे. पांच न्यायाधीशों ने बुश के हक में फैसला सुनाया था.

donald trump
donald trump

वॉशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि वह अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में 'धांधली के खिलाफ' सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, लेकिन इस बार अदालत में उनकी राह आसान होने के आसार कम दिखाई दे रहे हैं. ट्रंप ने पिछले दो दिन में कई बार कहा है कि अदालत ने जिस प्रकार 2000 में चुनाव में हस्तक्षेप किया था, उसे इस बार भी ऐसा ही करना चाहिए. उस समय अदालत ने जॉर्ज डब्ल्यू बुश को विजेता घोषित किया था.

अदालत में पांच न्यायाधीशों ने बुश के हक में और चार न्यायाधीशों ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया था. इस समय सुप्रीम कोर्ट के छह सदस्य कंजरवेटिव हैं, जिनमें से तीन को ट्रंप ने नामित किया था.

सन 2000 में हालात अलग थे. उस समय बुश फ्लोरिडा में आगे चल रहे थे और उन्होंने पुन: मतगणना रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. ट्रंप को अपने प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन को राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट को दो या अधिक राज्यों में मतों को दरकिनार करने के लिए राजी करना होगा.

पेंसिल्वेनिया की अदालत ने मतों को प्राप्त करने और मेल के जरिए मिले मतों की गणना के लिए तीन अतिरिक्त दिन देने की अनुमति दे दी थी. ट्रंप ने इस फैसले का विरोध किया है. हालांकि राज्य के शीर्ष चुनाव अधिकारी ने निर्देश दिया है कि शुक्रवार शाम पांच बजे तक आए मतों को अलग कर उनकी गणना की जाए.

पढ़ें-बाइडेन बोले- डेढ़ लाख वोट गिने जाने बाकी, हमारी जीत सुनिश्चित

प्रतिष्ठा को पहुंच सकती है ठेस

जीफ जस्टिस जॉन रोबर्ट्स सरकार की राजनीतिक शाखाओं को अदालत से दूर रखने के पक्ष में हैं और उनका मानना है कि राजनीति अदालत की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा सकती है. दूसरी ओर चुनाव में धांधली का दावा करने वाले ट्रंप ने कहा है कि हम अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे. उन्होंने ट्वीट किया कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट को फैसला करना चाहिए. दूसरी ओर, बाइडेन की प्रचार मुहिम ने मौजूदा मुकदमों को आधारहीन बताया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details