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पेंडोरा पेपर्स लीक : अमीरों व नेताओं के विदेश में काला धन छुपाने का बड़ा खुलासा

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Published : Oct 4, 2021, 11:52 AM IST

'इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' की रिपोर्ट में दुनियाभर के प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों द्वारा छुपाकर रखे गए धन का खुलासा हुआ है. 'पेंडोरा पेपर्स' नामक इस रिपोर्ट में कहा गया कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया.

पेंडोरा पेपर्स लीक
पेंडोरा पेपर्स लीक

वॉशिंगटन :दुनिया भर की 14 कंपनियों से मिलीं लगभग एक करोड़ 20 लाख फाइलों की समीक्षा से विश्व के सैकड़ों नेताओं, अरबपतियों, मशहूर हस्तियों, धार्मिक नेताओं और नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल लोगों के उन निवेशों का खुलासा हुआ है, जिन्हें पिछले 25 साल से हवेलियों, समुद्र तट पर बनीं विशेष संपत्तियों, नौकाओं और अन्य संपत्तियों के माध्यम से छुपाकर रखा गया था.

'इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' ने यह रिपोर्ट जारी की, जो 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई. इस रिपोर्ट को 'पेंडोरा पेपर्स' करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया.

इन गुप्त खातों के लाभार्थियों के रूप में पहचाने गए 330 से अधिक वर्तमान और पूर्व नेताओं में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा और इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो के अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी शामिल हैं.

रिपोर्ट में जिन अरबपतियों के नाम सामने आए हैं, उनमें तुर्की के कारोबारी एर्मन इलिकैक और सॉफ्टवेयर निर्माता रेनॉल्ड्स एंड रेनॉल्ड्स के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रॉबर्ट टी. ब्रोकमैन शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर खातों का इस्तेमाल कर चोरी करने और पूंजी को छुपाने के लिए किया गया.

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यूरोप की संसद में ग्रीन पार्टी के सांसद स्वेन गीगोल्ड ने कहा, 'लीक हुए नए आंकड़ों के बाद सभी को सतर्क हो जाना चाहिए. वैश्विक कर चोरी से वैश्विक असमानता पैदा होती है. हमें इससे निपटने के प्रयासों को विस्तार देने की आवश्यकता है.'

(पीटीआई-भाषा)

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