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कोविड-19 संकट बीत गया यह सोचना बड़ी गलती होगी: संयुक्त राष्ट्र महासचिव

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Published : Mar 10, 2022, 7:55 AM IST

कोविड-19 महामारी के प्रसार के दो वर्ष पूरे जाने के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को चेतावनी दी कि यह सोचना कि संकट बीत गया, यह बहुत बड़ी गलती होगी. उन्होंने कहा कि विनिर्माता प्रतिमाह 1.5 अरब खुराक का उत्पादन कर रहे हैं लेकिन अब भी तीन अरब लोग पहली खुराक की बाट जोह रहे हैं.

antonio gutarres
एंतोनियो गुतारेस

संयुक्त राष्ट्र: विश्व में 60 लाख से अधिक जिंदगी निगल चुकी कोविड-19 महामारी के प्रसार के दो वर्ष पूरे जाने के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को चेतावनी दी कि यह सोचना कि संकट बीत गया, यह 'बहुत बड़ी गलती' होगी. उन्होंने इस बात को लेकर चिंता प्रकट की, कि करीब तीन अरब लोग अब भी कोविड-19 के टीके की पहली खुराक की बाट जोह रहे हैं. ये बातें उन्होंने महामारी के दो साल पूरे होने पर अपने संदेश में कहीं.

उन्होंने कहा कि दो साल पहले, विश्वभर में लोगों का जीवन कोरोना वायरस के कारण बदल गया. कोविड दुनिया के कोने-कोने में तेजी से फैला जिससे अर्थव्यवस्था रूक गई, परिवहन नेटवर्क और आपूर्ति श्रृंखला ठप हो गई, विद्यालय बंद हो गए, लोग अपने प्रियजनों से दूर हो गए और लाखों लोग गरीबी में फंस गए. उन्होंने कहा कि, 'अप्रत्याशित जन स्वास्थ्य उपायों एवं असाधारण तीव्र ढंग से टीक विकसित करने एवं उन्हें लगाने से विश्व के कई हिस्से इस महामारी को नियंत्रण में ला रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि, 'लेकिन यह सोचना कि बहुत बड़ी गलती होगी कि महामारी खत्म हो गई.' उन्होंने यह भी कहा कि, 'महामारी के फैलने के बाद से पिछले दो वर्ष में कोविड-19 के 44.6 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं. वहीं, 60 लाख से अधिक लोगों ने जान गंवाई है, और असंख्य लोग बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं.' इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कोविड-19 के टीकों की 'अनउपयुक्त और असमान' वितरण को लेकर चिंता भी प्रकट की.

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उन्होंने कहा, 'विनिर्माता प्रतिमाह 1.5 अरब खुराक का उत्पादन कर रहे हैं लेकिन तीन अरब लोग अब भी पहली खुराक की बाट जोह रहे हैं. यह विफलता, गरीब देशों के लोगों की तुलना में अमीर देशों के लोगों को प्राथमिकता देने के नीतिगत एवं बजटीय फैसले का सीधा परिणाम है जिससे हमारी दुनिया नैतिक रूप से कठघरे में खड़ी हो गई है.'

(पीटीआई-भाषा)

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