दिल्ली

delhi

अमेरिका का कोविड-19 से लड़ने में भारत की मदद करने का 'नैतिक दायित्व' है : प्रमिला जयपाल

By

Published : May 7, 2021, 3:26 PM IST

भारत में कोरोना वायरस से स्थिति भयावह हो गई है. ऐसे में कई देश भारत की मदद कर रहे हैं. अमेरिका भी इन देशों में से एक है. इसको लेकर भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा की भारत की मदद करना अमेरिका का नैतिक दायित्व है.

प्रमिला जयपाल
प्रमिला जयपाल

वॉशिंगटन : भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा कि अमेरिका का यह 'नैतिक दायित्व' है कि वह कोरोना वायरस महामारी को हराने में भारत की मदद करें.

भारत में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के रिकॉर्ड 4,12,262 नए मामले आए और 3,980 लोगों की मौत हुई.

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में पहली और इकलौती भारतीय-अमेरिकी सांसद जयपाल ने कहा, भारत में स्थिति गंभीर है. हर दिन कोविड-19 के लाखों मामले आ रहे हैं, अस्पतालों में बिस्तर नहीं हैं या ऑक्सीजन की आपूर्ति खत्म हो गई है और डॉक्टर के पास जाने से पहले ही लोग मर रहे हैं.

जयपाल ने कहा, भारत को हमारी मदद की जरूरत है और यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम स्थानीय, संघीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद करें ताकि वैश्विक महामारी को हराया जा सकें. हमें वैश्विक स्तर पर काम करने की आवश्यकता है.

जयपाल कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती अपने माता-पिता से मिलने हाल ही में भारत आई थीं.

प्रतिनिधि सभा में शक्तिशाली प्रोग्रेसिव कॉकस की अध्यक्ष जयपाल ने बृहस्पतिवार को अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ वर्चुअल बैठक भी की.

पढ़ें :-कोविड-19: अमेरिकी सांसदों ने भारत को मदद देने के लिए बाइडेन प्रशासन की प्रशंसा की

जयपाल ने कहा कि उन्होंने बाइडेन प्रशासन से टीका निर्माण के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने, अमेरिका में इस्तेमाल न किए गए टीके भारत को भेजने और विश्व व्यापार संगठन में बौद्धिक संपदा अधिकार के नियमों में छूट देने के प्रस्ताव का समर्थन करने के भारत के अनुरोध को स्वीकार करने का बार-बार आग्रह किया है.

उन्होंने कहा, बाइडेन प्रशासन ने मेरे अनुरोध को जल्द से जल्द स्वीकार करने की इच्छा तब जताई है जब अमीर देशों ने दुनियाभर में 80 प्रतिशत से अधिक टीके ले लिए हैं जबकि कम आय वाले देशों को महज 0.3 प्रतिशत टीके मिले हैं.

जयपाल ने कोविड-19 महामारी के बीच अमेरिका में एशियाई विरोधी घृणा बढ़ने की भी निंदा की है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details