नई दिल्ली/फरीदाबाद :देश और प्रदेश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. कोरोना को लेकर जो खौफ पहले कम होता दिख रहा था वो एक बार फिर लोगों के ज़हन में बढ़ता हुआ दिख रहा है. इसी बीच अब राज्य सरकारों ने स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
बात करें हरियाणा की, तो पहले 9वीं से 12 वीं कक्षा के स्कूल खोले गए. उसके बाद 5वीं से 8वीं कक्षा के छात्रों को ऑफलाइन क्लास के लिए बुलाया गया और अब सरकार ने प्राइमरी के छात्रों को भी स्कूल आने की अनुमति दे दी है.
स्कूल खुलने से माता-पिता खुश
नए आदेशों के मुताबिक 1 मार्च से कक्षा पहली और दूसरी के छात्र स्कूल जाना शुरू करेंगे. ऐसे में सरकार के इस फैसले को अभिभावकों ने खूब सराहा है. अभिभावकों का कहना है कि छोटे बच्चों के लिए घर पर शिक्षा का माहौल नहीं बन पाता, उनका स्कूल जाना काफी जरूरी है.
सुनीता कहती हैं कि हरियाणा सरकार ने छोटे बच्चों की क्लास शुरू करने का फैसला बिल्कुल सही लिया है. काफी समय से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य के लिए ये बेहद जरूरी था. साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को भी बच्चों की सुरक्षा पर अब ज्यादा ध्यान देना होगा.
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अभिभावक मोहन सिंह कहते हैं कि घर में छोटे बच्चों के लिए पढ़ाई का माहौल नहीं बन पाता. बच्चों के लिए स्कूल खोलना बेहद जरूरी है, ताकि बच्चों का भविष्य बन सके. साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूल में इस बात का ध्यान दिया जाए कि बच्चों की सेहत से कोई खिलवाड़ ना हो.
स्कूल प्रशासन पर बड़ी जिम्मेदारी
स्कूल खुलने के साथ ये बेहद जरूरी हो गया है कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए पहले की तरह ही गंभीरता से कदम उठाए जाएं. हरियाणा में कोरोना के मामलों की संख्या कम जरूर हुई है, लेकिन ये अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों के लिए स्कूल प्रशासन को कई कदम उठाने होंगे.
सरकार ने स्कूलों के लिए जारी की गाइडलाइंस
हरियाणा सरकार 1 मार्च से पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोलने जा रही है. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि स्कूल की टाइमिंग सुबह 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक होगी. साथ ही सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को भी कुछ बदलाव लाने होंगे. स्कूलों को ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास के बीच तालमेल बिठाकर चलना होगा और कक्षा में छात्रों की संख्या को भी सीमित रखना होगा. स्कूल ये भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई बीमार छात्र क्लास में ना बैठा हो.
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