दिल्ली

delhi

कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती, पेट्रोल-एटीएफ के निर्यात पर बढ़ा

By

Published : Nov 2, 2022, 9:22 AM IST

अप्रत्याशित या अप्रत्याशित रूप से बड़े लाभ पर लगाया जाने वाला कर अप्रत्याशित कर कहलाता है. संशोधित कर संरचना वाली अधिसूचना आज से तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी. सरकार ने जुलाई की शुरुआत में अप्रत्याशित लाभ कर पेश किया था.

कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती
कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती

नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती के साथ ही डीजल एवं विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर इसमें वृद्धि कर दी. सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, ओएनजीसी जैसी पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर 11,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 9,500 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. यह कटौती आज से लागू होगी.

अप्रत्याशित लाभ कर की पाक्षिक समीक्षा में सरकार ने डीजल के निर्यात पर कर 12 रुपये से बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर कर दिया है. डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर का सड़क अवसरंचना उपकर भी शामिल है. इसके अलावा विमान ईंधन के निर्यात पर लगने वाला कर 3.50 रुपये से बढ़ाकर पांच रुपये प्रति लीटर किया गया है. सरकार ने एक जुलाई, 2022 को पेट्रोलियम उत्पादों पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाने की घोषणा की थी. उस समय पेट्रोल के साथ डीजल और एटीएफ पर यह कर लगाया गया था। बाद की समीक्षा में इसके दायरे से पेट्रोल को बाहर कर दिया गया.

पढ़ें: अक्टूबर में GST कलेक्शन 16.6 फीसदी बढ़कर 1.52 लाख करोड़ रुपये हुआ

अप्रत्याशित या अप्रत्याशित रूप से बड़े लाभ पर लगाया जाने वाला कर अप्रत्याशित कर कहलाता है. संशोधित कर संरचना वाली अधिसूचना आज से तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी. प्रत्याशित लाभ कर लगाते हुए एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि जैसा कि निर्यात अत्यधिक लाभकारी हो रहा है, यह देखा गया है कि कुछ रिफाइनर घरेलू बाजार में अच्छा कर रहे हैं. सरकार ने जुलाई की शुरुआत में अप्रत्याशित लाभ कर पेश किया था.

सरकार ने तब कहा था कि इसका डीजल और पेट्रोल की घरेलू खुदरा कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और पेट्रोलियम उत्पादों की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करेगी. रिकॉर्ड के लिए, हाल के महीनों में कच्चे तेल की बढ़ती वैश्विक कीमतों के कारण घरेलू कच्चे उत्पादकों द्वारा अर्जित हो रहे अप्रत्याशित लाभ को ध्यान में रखते हुए, केंद्र ने शुरू में कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन का उपकर लगाया था.

पढ़ें: कोल इंडिया का कोयला उत्पादन अप्रैल-अक्टूबर में 17 प्रतिशत बढ़ा

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details