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एक नजर में आरबीआई की मौद्रिक नीति की मुख्य बातें

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Published : Sep 30, 2022, 12:25 PM IST

मौद्रिक नीति की मुख्य बातें

आरबीआई के इस फैसले के बाद होम लोन ( Home Loan) से लेकर कार लोन ( Car Loan) और एजुकेशन लोन ( Education) का महंगा होना तय है. वहीं, जिन लोगों ने पहले से होम लोन लिया हुआ है उनकी ईएमआई और महंगी हो जाएगी.

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने आज रेपो रेट को लेकर बड़ा एलान कर दिया है. रिजर्व बैंक ने चौथी बार झटका देते हुए रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने रेपो रेट में वृद्धि की घोषणा की. बता दें, तीन दिवसीय बैठक की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) कर रहे थे. वृद्धि के बाद नया रेपो रेट 5.40 फीसदी से बढ़ाकर 5.90 फीसदी हो गया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को घोषित मौद्रिक नीति की मुख्य बातें

1: प्रमुख नीतिगत दर रेपो 0.50 प्रतिशत बढ़कर 5.90 प्रतिशत हुई, जो तीन साल का सबसे ऊंचा स्तर है.
2: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर सात प्रतिशत किया गया। अगस्त में इसके 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी.
3: सितंबर तिमाही में जीडीपी के 6.3 फीसदी, दिसंबर और मार्च की तिमाहियों में 4.6 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद.
4: मुद्रास्फीति का अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया.
5: दिसंबर तक मुद्रास्फीति के आरबीआई के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान.
6: भारत की कच्चे तेल की खरीद की औसत कीमत 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहने की उम्मीद.
7: आरबीआई कीमतों को काबू में रखने को लिए उदार मौद्रिक नीति के रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगा.
8: आरबीआई ने कहा कि रुपये की चाल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले व्यवस्थित है. इस साल 28 सितंबर तक सिर्फ 7.4 प्रतिशत की गिरावट हुई.
9: आरबीआई ने रुपये के लिए कोई निश्चित विनिमय दर तय नहीं की है. अत्यधिक अस्थिरता पर अंकुश लगाने के लिए बाजार में हस्तक्षेप किया जाता है.
10: इस साल 23 सितंबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 67 प्रतिशत घटकर 537.5 अरब डॉलर रह गया.
11: केंद्रीय बैंक को बाह्य क्षेत्र के घाटे को पूरा करने का भरोसा.
12: बाह्य कारणों से वस्तुओं का निर्यात प्रभावित हुआ, निजी खपत में तेजी आ रही है.
13: कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में हाल में हुई गिरावट अगर टिकाऊ रही, तो मुद्रास्फीति से राहत मिल सकती है.
14: बैंक ऋण 16.2 प्रतिशत की तेज गति से बढ़ा है.
15: मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-7 दिसंबर में होगी.

पढ़ें:आरबीआई ने बढ़ाया रेपो रेट, 50 बेसिस पॉइंट का किया इजाफा

पीटीआई-भाषा

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