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नेपाल भूकंप पीड़ितों के मदद के लिए Patanjali को मिली गैर-बासमती चावल डोनेट की परमिशन

By PTI

Published : Nov 13, 2023, 1:27 PM IST

भारत सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद को नेपाल में भूकंप पीड़ितों के मदद के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए अनुमति दे दी है. घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. पढ़ें पूरी खबर...(Patanjali Ayurveda, donation, non-basmati rice, Nepal, earthquake, earthquake victims, India, Government)

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नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद करेगा पतंजलि

नई दिल्ली: भारत सरकार के ओर सेनेपाल में भूकंप पीड़ितों के लिए गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी है. बता दें कि गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात प्रतिबंध लगा हुआ है. लेकिन सरकार ने भूकंप पीड़ितों के मदद के लिए पतंजलि आयुर्वेद को निर्यात प्रतिबंध से एक बार की छूट दी है. पतंजलि आयुर्वेद नेपाल में 20 मीट्रिक टन गैर-बासमती चावल को डोनेट करेगा. हालांकि घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और अनुरोध पर सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर निर्यात की अनुमति दी गई है.

नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद करेगा पतंजलि

पतंजलि को मिली बैन से छूट
जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना निदेशालय ने कहा कि नेपाल में भूकंप पीड़ितों के लिए दान के रूप में 20 मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल (अर्ध-मिल्ड या पूरी तरह से मिल्ड चावल, चाहे पॉलिश किया हुआ हो या न हो या चमकीला) के निर्यात के लिए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को बैन से एक बार छूट दी गई है.

अक्टूबर में जारी डीजीएफटी की अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने नेपाल, कैमरून और मलेशिया सहित सात देशों को 10,34,800 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी थी. नेपाल के लिए अधिसूचित मात्रा 95,000 टन, कैमरून (1,90,000 टन), कोटे डी' आइवर (1,42,000 टन), गिनी (1,42,000 टन), मलेशिया (1,70,000 टन), फिलीपींस (2,95,000 टन) है। ), और सेशेल्स (800 टन)। कंपनी के लिए नेपाल एक प्रमुख बाजार है.

नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद करेगा पतंजलि

भारत बना आपातकालीन सामग्री भेजने वाला पहला देश
नेपाल में 6 नवंबर की आधी रात से ठीक पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 153 लोगों की मौत हो गई थी और 250 से अधिक लोग घायल हो गए थे. पश्चिमी नेपाल के जजरकोट और रुकुम पश्चिम जिलों में आए भूकंप से सार्वजनिक और निजी दोनों तरह की लगभग 8,000 संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है. भारत नेपाल के भूकंप प्रभावित जिलों में आपातकालीन राहत सामग्री भेजने वाला पहला देश बन गया है.

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