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Adani Group News : हिंडनबर्ग रिपोर्ट का झटका, अडाणी समूह ने कई परियोजनाओं से पीछे खींचे कदम

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Published : Mar 30, 2023, 1:08 PM IST

अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी हुए दो महीने का समय हो गया है. इस समयावधि में अडाणी ग्रुप को भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा. इस वजह से कंपनी को अपने कई महंत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से कदम पीछे भी खींचने पड़े हैं. इनमें एक बड़ी परियोजना है मुंद्रा पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट. पढ़ें पूरी खबर.

Adani Group News
अडाणी समूह ने कई परियोजनाओं से पीछे खींचे कदम

नई दिल्ली : अडाणी समूह को लेकर 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की. जिसमें उसने अडाणी समूह पर धोखाधड़ी समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद से Adani Group को संपत्ति में भारी नुकसान हुआ. रिपोर्ट के जारी होने से अब तक अडाणी ग्रुप को 125 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी ने निर्णय लिया कि वह नए प्रोजेक्ट में हाथ न लगा कर पहले अपने कर्जों का भुगतान करेगी. इसी क्रम में कंपनी अपने कई महत्वकांक्षी परियोजनाओं से अपने कदम पीछे खींचने लगी.

इन प्रोजेक्ट से पीछे हटी अडाणी समूह
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह को वित्तीय समस्याएं शुरू हो गई. उन्हें अपने कई महत्वकांक्षी परियोजनाओं को रोकना पड़ा. मसलन एल्यूमीनियम, इस्पात और सड़क परियोजना से जुड़े प्रोजेक्ट पर से भी वह अपने हाथ पीछे कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अडाणी समूह अब मुंद्रा पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट से पीछे हट रहा है और पश्चिमी भारत के मुंद्रा में 4 बिलियन डॉलर के ग्रीनफील्ड कोल- टू-पॉलिविनाइल क्लोराइड परियोजना के साथ भी आगे बढ़ने की संभावना नहीं है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार Adani Group बिजली उत्पादन, बंदरगाह और ग्रीन एनर्जी पर फोकस करना चाहती है.

क्या है मुंद्रा पेट्रोकेमिकल्स परियोजना
अडाणी एंटरप्राइजेज ने गुजरात के कच्छ जिले में अडाणी पोट्र्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन पर ग्रीनफील्ड कोल-टू-पीवीसी प्लांट स्थापित करने के लिए एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, मुंद्रा पेट्रोकेम लिमिटेड को शामिल किया था. प्लांट में 2,000 किलो टन प्रति वर्ष की पॉली-विनाइल-क्लोराइड उत्पादन क्षमता होनी थी, जिसके लिए 3.1 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयले की आवश्यकता थी.

परियोजना से क्यों पीछे हट रहा अडाणी समूह
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही गौतम अडाणी को कई वित्तीय झटके लगने शुरू हो गए. उनकी दौलत आधी हो गई. वह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर की रैंक से फिसलकर 23वें नबंर पर आ गए. अडाणी ग्रुप के शेयर गिरने लगें. जिस कारण ग्रुप ने फैसला किया कि वह निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए पहले अपने कर्जों को चुकाएंगे और फिलहाल किसी नए प्रोजेक्ट में निवेश नहीं करेंगे. इसी वजह से अडाणी समूह ने Mundra Petrochemicals Project से अपने कदम पीछे कर लिए हैं.

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