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पटाखों पर बैन लगाना अदालत की ड्यूटी नहीं, लोगों को बनना होगा संवेदनशील : SC

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 7, 2023, 1:49 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण को प्रदूषित करके जश्न मनाने का मतलब पूरी तरह से "स्वार्थी" होना है. उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिवाली और साल के अन्य समय में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध के संबंध में अदालत के आदेशों का पालन करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अदालत का कर्तव्य कहना गलत, लोगों को खुद ही पटाखों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए. ban on firecrackers, SC on firecrackers ban.

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि पटाखे फोड़ने के खिलाफ उसके द्वारा जारी किए गए निर्देश सिर्फ दिल्ली-एनसीआर के लिए नहीं, बल्कि सभी राज्यों के लिए हैं. अदालत ने राज्य सरकारों को वायु/ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति ए.एस.बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ भारत में पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थी.

याचिकाकर्ता ने राजस्थान राज्य के लिए याचिका दायर कर शीर्ष अदालत से पिछले आदेशों को लागू करने का निर्देश देने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा, "ऐसा लगता है कि आपके आधिपत्य का आदेश केवल दिल्ली-एनसीआर पर लागू होता है, हालांकि यह पूरे देश में लागू है." मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा कि यह गलत धारणा है कि जब पर्यावरणीय मामलों की बात आती है, तो यह केवल अदालत का कर्तव्य है.

अदालत ने कहा कि उसके पहले के आदेश पर राजस्थान राज्य को अवश्य ध्यान देना चाहिए, और राज्यों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान. अदालत ने कहा, मुख्य बात लोगों को संवेदनशील बनाना है. बता दें कि 2018 में, शीर्ष अदालत ने पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया और बाद में कहा कि प्रतिबंध जारी रहेंगे और विधिवत लागू किए जाएंगे.

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