दिल्ली

delhi

उत्तराखंड चारधाम यात्रा : सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

By

Published : Jul 6, 2021, 7:53 PM IST

राज्य सरकार ने सियासी उठा-पटक के बीच चारधाम यात्रा संचालित किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर कर दी है.

supreme court
supreme court

देहरादून :प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. राज्य सरकार ने सियासी उठा-पटक के बीच चारधाम यात्रा संचालित किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर कर दी है.

दरअसल, राज्य सरकार की तैयारियों से नाखुश हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा शुरू करने पर रोक लगाई थी. एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने कहा था कि वो नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी. हाई कोर्ट के फैसले की समीक्षा करेगी.

सीएम धामी के निर्देश के बाद SLP दाखिल

प्रदेश के नए सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि चारधाम यात्रा संचालित करने के लिए सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल सकती है.

हाई कोर्ट में सात जुलाई को होनी है सुनवाई

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर सात जुलाई तक रोक लगा दी थी. सात जुलाई को ही मामले पर फिर सुनवाई होनी है. हाई कोर्ट ने सरकार को सात जुलाई को दोबारा से शपथपत्र दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने चार धामों की लाइव स्ट्रीमिंग भी करने को कहा था, जिससे श्रद्धालु घर से ही उनके दर्शन कर सकें.

हाई कोर्ट ने कही थी ये बड़ी बात

हाई कोर्टने आधी अधूरी जानकारी देने के कारण न सिर्फ अधिकारियों को फटकार लगाई, बल्कि यात्रा के लिए सरकार द्वारा आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लागू करने के फैसले पर सवाल उठाया था. कोर्ट ने कहा था कि कुंभ में भी कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा हुआ है. ऐसे में चारधाम में सैनेटाइजर और हाथ धोने का इंतजाम कौन देखेगा? इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि 'हमारे लिए श्रद्धालुओं का जीवन महत्‍वपूर्ण है'.

राज्य सरकार 1 जुलाई से शुरू करने जा रही थी चारधाम यात्रा

उधर, तत्कालीन तीरथ सरकार 11 जुलाई से प्रदेश भर के श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने की तैयारी में थी. लेकिन एक जुलाई से पहले ही नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के मंसूबे पर पानी फेर दिया. राज्य कैबिनेट के फैसले पर सात जुलाई तक रोक लगा दी. साथ ही श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए सरकार को पूजा-अर्चना लाइव करने के निर्देश दिए थे.

खुल चुके हैं चारों धामों के कपाट

गौर हो, 14 मई को यमुनोत्री धाम, 15 मई को गंगोत्री धाम, 17 मई को केदारनाथ धाम और 18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे, कोरोना की वजह से चारधाम की यात्रा संचालित नहीं हो पाई हैं.

क्या है एसएलपी ?

विशेष अनुमति याचिका (Special Leave petition) न्यायपालिका में एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें आप उच्च कोर्ट में जा सकते हैं. आमतौर पर ये सुप्रीम कोर्ट में तब दाखिल की जाती है, जब कोई मामला बेहद महत्व का होने के साथ त्वरित कार्रवाई का होता है. निचली कोर्ट यानी हाई कोर्ट उस पर समय रहते समुचित कार्रवाई नहीं कर रही होती है.

कब दायर कर सकते हैं एसएलपी

एसएलपी को भारतीय न्यायव्यवस्था में काफी वरीयता की जगह दी गई है. इसे सुप्रीम कोर्ट के खास अधिकार के तहत माना जाता है. इस पर तभी विचार किया जाता है, जब ये आवश्यक कानून-व्यवस्था से जुड़ा हो या निचले स्तर पर न्याय नहीं हुआ हो. ये किसी भी याचिकाकर्ता को इस मामले में खास अधिकार देता है.

पढ़ेंःशिवभक्तों के लिए बड़ी खबर : कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी ने लिए महत्वपूर्ण फैसले

ABOUT THE AUTHOR

...view details