नई दिल्ली :अमेरिका ने कहा है कि पहले दिन से बाइडेन प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि अफगानिस्तान में संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है. केवल राजनीतिक समझौता और व्यापक युद्धविराम युद्धग्रस्त देश में संकट को हल कर सकता है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि जहां तक इस्तांबुल में वार्ता की बात आती है, तो बाइडेन प्रशासन ने शुरुआती दिनों में यह जान लिया था कि अफगानिस्तान में संघर्ष का कोई सैन्य सामाधान नहीं है. इसे केवल राजनीतिक समझौता या युद्ध विराम के जरिए की हल किया जा सकता है. इसके माध्यम से हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि लाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करने में सक्षम होंगे.
इस्तांबुल में होने वाला सम्मेलन उस व्यापक प्रयास, राजनयिक जुड़ाव का हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि 'हम इसे आयोजित करने के लिए मेजबान तुर्की, कतर और यूएन के आभारी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जब यह उस समय की वर्तमान स्थिति या इसके आगे बढ़ने के समय की बात आती है तो मुझे उनका संदर्भ देना होगा.
प्राइस ने इससे पहले इस क्षेत्र में किए गए कूटनीतिक प्रयासों का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि विशेष राजदूत खलीलजाद ने दो महीने इस क्षेत्र में बिताए हैं, चाहे वह दोहा हो, काबुल या फिर इस्लामाबाद. अफगान दलों के बीच तो इसे लेकर प्रगति हुई ही साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इसे हल करने को आगे आया है.
इससे पहले मंगलवार को तुर्की ने घोषणा की है कि वह रमजान के पवित्र महीने के अंत तक इस्तांबुल में एक बहुप्रतीक्षित अफगान शांति सम्मेलन को स्थगित कर रहा है. तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने कहा कि 'तालिबान के शामिल हुए बिना यह सम्मेलन निरर्थक होगा.'
उन्होंने कहा कि फिलहाल हमने इसे स्थगित करने का फैसला किया क्योंकि प्रतिनिधिमंडल के गठन और भागीदारी के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस्तांबुल में बैठक की मेजबानी तुर्की, कतर और संयुक्त राष्ट्र को करनी है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य दोहा के लिए वैकल्पिक वार्ता शुरू करना नहीं है, बल्कि प्रक्रिया में योगदान करना है.