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संयुक्त राष्ट्र निकाय ने साइबर सुरक्षा प्रतिबद्धता में भारत को 10वें स्थान पर रखा

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Published : Jun 29, 2021, 10:51 PM IST

मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र के एक निकाय ने 193 देशों की सूची में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के संस्थागत समर्पण की सराहना की है. इस संबंध में पढ़ें वरिष्ठ पत्रकार संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट

साइबर सुरक्षा
साइबर सुरक्षा

नई दिल्ली :एक ऐसी दुनिया में जहां सुरक्षा की स्थिति और इसकी चुनौतियां बहुत तेजी से बदल रही हैं. साइबर सुरक्षा (cyber-security ) के प्रति वचनबद्धता के मामले में संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ( Information and Communication Technology) द्वारा साइबर सुरक्षा के महत्व लेकर किए गए एक वैश्विक अध्ययन सर्वेक्षण (global study survey) में भारत को दसवें स्थान पर रखा है.

इस सूचि में अमेरिका पहले स्थान पर है, दूसरे स्थान पर यूके, उसके बाद सऊदी अरब और फिर एस्टोनिया है. दसवें स्थान पर भारत है, जबकि 33 वें स्थान पर भारत का पड़ोसी चीन है और पाकिस्तान को 79 वें स्थान पर रखा गया है.

मंगलवार को जिनेवा में वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक (Global Cybersecurity Index) की 155-पृष्ठ की रिपोर्ट को जारी किया गया. संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union) निकाय 193 अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ सदस्य देशों द्वारा किए गए साइबर सुरक्षा उपायों का विवरण प्रदान करके सुरक्षा सदस्य राज्यों और फिलिस्तीन राज्य की साइबर प्रतिबद्धता को मापती है.

रिपोर्ट देशों को अंतराल, सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने और लक्षित कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करने के उद्देश्य से कार्य करती है.

साइबर सुरक्षा सूचकांक (cyber-security index) की गणना पांच क्षेत्रों में 82 सवालों के जवाबों के आधार पर की जाती है, जिसमें कानूनी उपाय, तकनीकी उपाय, संगठनात्मक उपाय, क्षमता विकास उपाय और सहयोग उपाय शामिल हैं.

तकनीकी उपायों के साथ कानूनी उपायों, क्षमता विकास और सहकारी उपायों के मानकों पर भारत ने उच्च स्कोर (India scored high) हासिल किया है, जो संभावित विकास के लिए चिह्नित क्षेत्र है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नवीनतम रिपोर्ट घातक महामारी के बीच में आई है, जिसने दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने नाटकीय रूप से समाज को प्रभावित किया है.

जैसे ही अप्रैल 2020 में महामारी ने जोर पकड़ना शुरू किया… इंटरनेट ट्रैफिक में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे साइबर सुरक्षा जोखिम को और बढ़ा दिया है. इसके अलावा महामारी ने लोगों में अविश्वास पैदा किया है.

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इस बीच, वैश्विक थिंक-टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज ( International Institute for Strategic Studies) द्वारा सोमवार को जारी एक अध्ययन में, भारत को वैश्विक स्तर पर 15 देशों की साइबर शक्ति के गुणात्मक मूल्यांकन पर तीसरे टियर (Third Tier) पर रखा गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की साइबर-खुफिया पहुंच कमजोर दिखाई देती है. यह साइबर स्थिति संबंधी जागरूकता के उच्च स्तर के लिए अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के साथ साझेदारी पर भरोसा करता है और इसे अपनी खुद की अधिक पहुंच विकसित करने में हासिल करते हैं.

रिपोर्ट में भारत की ओर से पाकिस्तान-केंद्रित दृष्टिकोण को भी नोट किया गया है. घरेलू खतरों से परे, भारत की साइबर-खुफिया क्षमताओं को लेकर आश्चर्यजनक रूप पाकिस्तान पर केंद्रित किया गया है. कुल मिलाकर पाकिस्तान पर भारत के ध्यान ने उसे उपयोगी परिचालन अनुभव और कुछ व्यवहार्य क्षेत्रीय आक्रामक साइबर क्षमताएं प्रदान की होंगी.

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