आगरा: कोरोना महामारी में लगे लॉकडाउन से आगरा के दो युवा भाइयों की नौकरी चली गई. इस पर फूड प्रोसेसिंग और डेयरी टेक्नोलॉजी में डिग्री धारक दोनों भाइयों ने खुद का स्टार्टअप शुरू कर दिया. दोनों की मेहनत और लगन से कारोबार अब चल निकला है. पीएम मोदी ने जब मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए 'श्रीअन्न' नाम दिया तो युवा भाइयों ने बाजरे की कुल्फी तैयार की. जो लोगों को खूब पसंद आ रही है. युवा भाइयों का कहना है कि कुल्फी में बाजरे का एक्सपेरिमेंट लोगों को पसंद आ रहा है. इसलिए, अब कुल्फी में रागी और अन्य मोटे अनाज का एक्सपेरिमेंट करेंगे, जिससे लोगों को हम सस्ती और अच्छी आइसक्रीम और कुल्फी खिला सकें.
आगरा में फतेहबाद रोड स्थित गांव कुंडौल निवासी विवेक उपाध्याय और गगन उपाध्याय सगे भाई हैं. दोनों भाइयों ने दयालबाग शिक्षण संस्थान से फूड प्रोसेसिंग और डेयरी टेक्नोलॉजी में पढ़ाई की. पिता सुरेश उपाध्याय किसान हैं. विवेक और गगन ने बताया कि हमारा प्रोजेक्ट आइसक्रीम था. इसलिए, पढ़ाई के बाद जॉब भी आइसक्रीम की कम्पनी में मिल गई. सब कुछ बढ़िया था. तभी सन 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से पहली बार लॉकडाउन लग गया, जिससे विवेक और गगन की नौकरी चली गई. इसके बाद दोनों गांव आ गए. इसके बाद दोनों भाइयों ने सन 2020 के अंत में आइसक्रीम और कुल्फी का कारोबार शुरू किया. कारोबार शुरू करने के कुछ दिन बाद ही फिर दूसरी बार लॉकडाउन लग गया. इस पर भी दोनों ने हिम्मत और मेहनत के दम पर काम जारी रखा. धीरे-धीरे उनकी बनाई आइसक्रीम और कुल्फी का स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़ने लगा.
35 लोगों को दिया रोजगार
विवेक उपाध्याय ने बताया कि कोरोना में लोगों ने आइसक्रीम से दूरी बना ली, जिससे कम वेतन पर नौकरी मिल रही थी. इसलिए, खुद का काम करने की प्लानिंग की. इस पर मार्केट रिसर्च किया. फिर, आइसक्रीम को लेकर स्टार्टअप शुरू किया. गगन उपाध्याय ने बताया कि दोनों खुद अपने पैर पर खड़े हुए हैं. इसके साथ ही 35 युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं.