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तालिबान ने विदेशी सैनिकों की वापसी की बरसी मनाई, आज सार्वजनिक छुट्टी

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Published : Aug 31, 2022, 7:20 AM IST

Updated : Aug 31, 2022, 7:27 AM IST

तालिबान ने बुधवार को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है. 20 साल के युद्ध के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी नेतृत्व वाले सैनिकों की वापसी की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए राजधानी को काबुल को रंगीन रोशनी से सजाया गया है.

तालिबान ने विदेशी सैनिकों की वापसी की बरसी मनाईt
तालिबान ने विदेशी सैनिकों की वापसी की बरसी मनाई

काबुल : तालिबान (Taliban) ने बुधवार को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है. 20 साल के युद्ध के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी नेतृत्व वाले सैनिकों की वापसी की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए राजधानी को काबुल को रंगीन रोशनी से सजाया गया है. तालिबान सरकार को किसी अन्य राष्ट्र द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी गई है. तालिबान ने अफगानिस्तान पर इस्लामी कानून के अपने कठोर संस्करण को फिर से लागू किया है. जिसमें महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर कर दिया गया है, लेकिन प्रतिबंधों और गहराते मानवीय संकट के बावजूद, कई अफगानों का कहना है कि उन्हें खुशी है कि तालिबान विद्रोह को प्रेरित करने वाली विदेशी ताकत चली गई है.

तालिबान ने विदेशी सैनिकों की वापसी की बरसी मनाई

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काबुल के रहने वाले जलमई ने कहा कि हमें खुशी है कि अल्लाह ने हमारे देश से काफिरों को छुटकारा दिलाया और इस्लामिक अमीरात की स्थापना हुई. पिछले साल 31 अगस्त को शुरू हुई आधी रात को सैनिकों की वापसी ने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त कर दिया था. एक सैन्य हस्तक्षेप जो 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क में हुए हमलों के बाद शुरू हुआ था. इस संधर्ष में 66,000 अफगान सैनिक और 48,000 नागरिक मारे गए थे. इसके साथ ही 2461 अमेरिकी सैनिक भी मारे गये थे. जिसको लेकर अमेरिका में काफी विरोध शुरू हो गया था. अन्य नाटो देशों के भी 3,500 से अधिक सैनिक मारे गए.

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अमेरिकी सेना ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध के बोझ से अमेरिका आगे निकल गया. बुधवार को काबुल में पूर्व सोवियत संघ, ब्रिटेन और अमेरिका को युद्ध में हरा देने के जश्न मनाने वाले बैनर देखे गये. इस्लामिक कानून की स्थापना की घोषणा वाले सैकड़ों तालिबान के झंडे लैंपपोस्ट और सरकारी भवनों से लहराये जा रहे हैं. मंगलवार की देर रात, काबुल के ऊपर का आसमान तालिबान लड़ाकों की भीड़ की आतिशबाजी और जश्न की गोलियों से जगमगा उठा. मसूद स्क्वायर में, पूर्व अमेरिकी दूतावास के पास, तालिबान के झंडे लिए सशस्त्र लड़ाके 'अमेरिका की मौत' के नारे लगा रहे थे.

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Last Updated :Aug 31, 2022, 7:27 AM IST

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