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संसद में सोनिया गांधी की मांग, स्कूलों में दोबारा शुरू हो मिड डे मील की व्यवस्था

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Published : Mar 23, 2022, 5:34 PM IST

Updated : Mar 23, 2022, 6:19 PM IST

संसद के बजट सत्र के छठे दिन (दूसरे चरण में) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोक सभा में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था दोबारा शुरू किए जाने की मांग की. सोनिया गांधी ने बुधवार को शून्यकाल (sonia gandhi lok sabha zero hour) के दौरान लोक महत्व के मुद्दों को उठाने की व्यवस्था के तहत स्कूलों में मिड डे मील की योजना फिर से शुरू किए जाने की अपील की.

sonia gandhi
लोक सभा में सोनिया गांधी

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि कोविड-19 के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों के खुलने के बाद अब मध्याह्न भोजन की व्यवस्था फिर से आरंभ की जाए ताकि बच्चों को गर्म और पका हुआ पौष्टिक भोजन मिल सके. उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया.

बुधवार को लोक सभा में रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने कहा, 'देश की सभी संस्थाओं में स्कूल ही सबसे पहले बंद हुए थे और सबसे आखिर में खुले हैं. जब स्कूल बंद हुए थे तो मध्याह्न भोजन की व्यवस्था भी रुक गई थी. ये तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और उच्चतम न्यायालय के आदेश थे जिनके कारण लोगों को सूखा राशन दिया गया, लेकिन बच्चों के लिए सूखा राशन, पके हुए पौष्टिक भोजन का कोई विकल्प नहीं है.'

सोनिया गांधी ने कहा, 'यह सच है कि हमारे बच्चों के परिवारों की आजीविका को बहुत बुरे संकट का सामना करना पड़ा है. लेकिन अब जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में वापस आ रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की आवश्यकता है. यही नहीं, मध्याह्न भोजन से उन बच्चों को वापस स्कूल लाने में भी मदद मिलेगी, जो इस महामारी के दौरान स्कूल छोड़ चुके हैं.'

लोक सभा में रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी

सोनिया ने कहा, 'राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के अनुसार हाल के वर्षों में 5 वर्ष से कम आयु के वो बच्चे, जो बेहद कमजोर हैं, उनका प्रतिशत 2015-16 की तुलना में बढ़ा है. यह चिंताजनक है और इसे रोकने के लिए सरकार को हर संभव प्रयास करना चाहिए.'

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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मैं केन्द्र सरकार से आग्रह करती हूं कि आईसीडीएस कार्यक्रम के तहत गर्म और पका हुआ भोजन देने की व्यवस्था फिर से शुरू की जाए और मध्याह्न भोजन को भी तुरंत शुरु किया जाना चाहिए.' उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया, 'पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के वाजिब प्रावधान किए जाने चाहिए और साथ ही आंगनबाड़ियों के माध्यम से गर्म, पका हुआ भोजन तीन साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी उपलब्ध होना चाहिए. इसके लिए सामुदायिक रसोई शुरू करने का प्रावधान करना चाहिए.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated :Mar 23, 2022, 6:19 PM IST

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