रायपुर/नई दिल्ली :मूल नक्षत्र, शोभन योग और ववकरण में मां दुर्गा (Maa durga) के सप्तम रूप मां कालरात्रि (Maa kalratri) की आज पूजा-उपासना की जाएगी. कालरात्रि (Maa kalratri) का स्वरूप बहुत ही भयंकर है. भूत-प्रेत-पिशाच सभी माता से कांपते हैं. कहते हैं कि मां कालरात्रि की पूजन करने से ग्रह बाधा दूर होती है और अग्नि जल से भय नहीं रहता. जो भक्त नियम और संयम का पालन करते हुए मां कालरात्रि का पूजन-अनुष्ठान करते हैं, उनकी कामनाएं स्वतः ही पूर्ण होती है. इस दिन तांत्रिक (Tantrik) वर्ग विशेष पूजन करते हैं. इस दिन किया हुआ तंत्र सिद्ध (Tantra siddh) होता है. माता कालरात्रि (Maa kalratri) के साथ शिव (Shiva) और ब्रह्मा (Brahma) की भी उपासना पूजन करने का विधान है. अनेक स्थानों पर मदिरा भी कालरात्रि देवी को श्रद्धा के साथ अर्पित किया जाता है.
वहीं, दिल्ली से पंडित अंबिका प्रसाद पंत ने ईटीवी भारत को बताया कि इस दिन मां कालरात्रि की पूजा बेहद फलदाई मानी गई है. माता कालरात्रि जो कि काल का भी नाश करने वाली है, मां दुर्गा का यह स्वरूप दानवों का नाश करने वाला माना गया है. रक्तबीज नाम के दानव का वध करने के लिए माता ने यह स्वरूप धारण किया. माता का यह स्वरूप बेहद ही भयभीत करने वाला है. मां कालरात्रि का रंग काली रात से भी काला है, मां के लंबे लंबे बाल बिखरे हुए हैं, उनकी चार भुजाएं और तीन नेत्र हैं मां की सवारी गधा है.
शक्ति उपासक करते हैं देवी का अनुष्ठान