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देश को गड्ढे में ले जाने वाले राजनेता हैं, लोगों को लड़ाना इनका काम : शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

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Published : Apr 8, 2023, 6:27 PM IST

रायपुर में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राजनेताओं पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि" देश को गड्ढे में ले जाने वाले राजनेता हैं."

Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का बड़ा बयान

रायपुर: पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती रायपुर पहुंचे. यहां उन्होंने प्रेस वार्ता की. इस प्रेस वार्ता में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राजनेताओं को निशाने पर लिया. शंकराचार्य ने कहा कि " लड़ाना, भिड़ाना और हिंसा कराना राजनेताओं का काम होता है. फूट डालो और राज करो की कूटनीति को लागू करने वाले भी राजनेता होते हैं. आदिवासी, आगंतुक, श्रमजीवी, बुद्धिजीवी के माध्यम से राजनेताओं ने देश को गड्ढे में पहुंचाया है. राजनीति की परिभाषा नहीं जानते और राजनेता बनकर घूम रहे हैं. ऐसे में राजनेताओं की बुद्धि पर तरस आती है."

पूरी दुनिया को 13 व्यापारी चला रहे: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने आगे कहा कि" पूरे विश्व और देश को 13 व्यापारी चला रहे हैं. विदेशी कंपनियों को ठेका देने की क्षमता रखते हैं, लेकिन शासन करने की क्षमता राजनेता नहीं रखते. इसी तरह राजनेता अगर ठेका देते रहें तो भविष्य में ठेका देने के लायक भी नहीं रहेंगे. दिशाहीन व्यापार तंत्र के बीच भारत और विश्व आ जाएगा"

हिंदू राष्ट्र की मांग पर बोले शंकराचार्य: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से रामराज्य और हिंदू राष्ट्र बनाए जाने के सवाल का भी जवाब निश्चलानंद सरस्वती ने दिया. उन्होंने पत्रकारों से बोला कि "आप सवाल पूछिए. युद्ध कराने वाली बात मत कीजिए. संगति का परिचय देना और शंकराचार्य से भिड़ना उचित नहीं है. किसी की पोल पट्टी हमसे मत खुलवाइए. अविमुक्तेश्वरानंद जी को अपना गुरु बताते हुए उन्होंने कहा कि हमने उनसे विद्या अध्ययन किया. हिंदू राष्ट्र के कई खंड हो गए हैं". उन्होंने कहा कि जो होना है, वही मैं कहता हूं, जो कहता हूं वही होना है. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अपनी पत्रकारिता को स्वच्छ रखते हुए लड़ाई झंझट से दूर रहिए."

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हिंदू राष्ट्र बनने से क्या नौकरियां रिजर्व होंगी: हिंदू राष्ट्र बनने से क्या नौकरियां आरक्षित होगी. इस सवाल के जवाब में स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि"18 महीने पहले मैंने कहा था. हिंदू राष्ट्र के बारे में, अब बात नौकरियों में आरक्षण की कर रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने अपने कार्यकाल में आरक्षण की व्यवस्था की थी. उस समय मैं शंकराचार्य के पद पर नहीं था. एक संन्यासी था. आरक्षण को लेकर उसमें पांच दोष हमने बताए थे. जिसमें प्रगति की हानि, प्रतिभा की हानि, प्रायोगिक नहीं, प्रतिशोध की भावना और परतंत्रता. मैं आरक्षण का पक्षधर हूं. लेकिन सनातन धर्म के अनुसार आरक्षण होना चाहिए. हर किसी की जीविका जन्म से सुरक्षित है. हर व्यक्ति का जीवन व्यसन से मुक्त है. इससे अच्छी आरक्षण की व्यवस्था क्या होगी. देश में चल रहे कुटीर और लघु उद्योग के संचालन का दायित्व शूद्रों को दिया गया था."

बताई राजनीति की परिभाषा: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने राजनीति की परिभाषा बताते हुए कहा कि "सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, संपन्न सेवा परायण व्यक्ति और समाज की संरचना राजनीति या राजधर्म होती है". महाभारत, मत्स्य पुराण जैसे ग्रंथों का उदाहरण देते हुए, शंकरचार्य ने कहा कि," राजनीति, राजधर्म, दंड नीति, अर्थनीति और क्षत्रियधर्म, इन 5 शब्दों का प्रयोग किया गया है. ग्रंथों और पुराणों में हिंदू शब्द का प्रयोग किया गया है."

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हिंदू किसे कहते हैं: हिंदू के सवाल पर उन्होंने कहा कि "सब के पूर्वज वैदिक आर्य हिंदू और सनातनी थे. मनुष्य की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के द्वारा योग माया से हुई. श्रीमद्भागवत में स्पष्ट लिखा है कि, मरीचि, कश्यप इत्यादि महर्षि की धर्म पत्नियों के गर्भ से देवता के साथ ही मनुष्य का जन्म हुआ. सब के पूर्वज वैदिक आर्य सनातनी हैं. 18 महीने पहले मैंने कहा था हिंदू राष्ट्र, अब यह बात अमेरिका तक पहुंच रही है.

बूढ़ादेव की मूर्ति घर के बाहर लगाने का मामला: छत्तीसगढ़ क्रांति सेना द्वारा बूढ़ादेव की मूर्ति घर के बाहर लगाने पर शंकराचार्य ने बयान दिया. शंकराचार्य ने कहा कि" बूढ़ा देव की मूर्ति घर के बाहर भी लगाई जाए और दिल्ली में भी हो. उसका विधि पूर्वक पूजन पठन किया जाना चाहिए. इसमें किसी बात की आपत्ति नहीं है"

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