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तेलंगाना : अनाथालय में लड़कियों के साथ यौन शोषण, दो गिरफ्तार

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Published : Oct 26, 2022, 4:39 PM IST

बंजारा हिल्स डीएवी स्कूल में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना अभी लोगों के ज़हन से हटा भी नहीं कि एक अनाथालय में बच्चियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. इस मामले में दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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हैदराबाद :तेलंगाना के हैदराबाद स्थित बंजारा हिल्स डीएवी स्कूल में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना अभी लोगों के ज़हन से हटा भी नहीं कि एक अनाथालय में बच्चियों के यौन उत्पीड़न का मामला (Sexual abuse with girls in orphanage) सामने आया है. मेडचल जिले के नेरेडमेट के जेजेनगर स्थित एक अनाथालय में 32 लड़कियां रहती हैं, जिनमें से दो बालिग और अन्य सभी नाबालिग हैं. अनाथालय के प्रबंधन ने 19 अक्टूबर से चार लड़कियों की गुमशुदगी की शिकायत थाने में दर्ज करायी थी.

पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर सिकंदराबाद में दोनों लड़कियों के ठिकाने का पता लगा लिया. दोनों ही लड़कियां अपने रिश्तेदारों के घर में पाए गए. जब सखी सेंटर ले जाकर उनकी काउंसलिंग की गई तो दोनों लड़कियों ने बताया कि अनाथालय में उनका यौन शोषण हो रहा था. उन्होंने बताया कि अनाथालय में अकाउंटेंट के तौर पर काम कर रहे मुरली साहा गणेश नामक शख्स कुछ दिनों से उनका यौन शोषण कर रहा था. इस वजह से ये लड़कियां अनाथालय से भाग निकली और रिश्तेदारों के यहां पहुंच गईं. नाबालिग लड़कियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

लड़कियों की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर एकाउंटेंट मुरली और एक अन्य आरोपी गणेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आश्रम के प्रशासक ने विक्टर को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ की. विक्टर ने कहा कि वह जांच में सहयोग करेंगे. वहीं, पुलिस ने अनाथालय को अपने कब्जे में लेकर बाल कल्याण अधिकारियों ने लड़कियों को अलग-अलग अनाथालयों में स्थानांतरित कर दिया.

घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

इस घटना को लेकर वामपंथी छात्र, युवा और महिला समूहों के नेतृत्व में हैदराबाद स्कूल शिक्षा आयुक्त कार्यालय के सामने धरना दिया गया. उन्होंने मांग की कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएं. उधर, छात्रों के माता-पिता स्कूल शिक्षा आयुक्त देवसेना से मिलने पहुंचे और मांग की कि स्कूल की मान्यता रद्द न की जाए. यदि शैक्षणिक वर्ष के मध्य में मान्यता रद्द कर दी जाती है, तो उनके बच्चों को बहुत नुकसान होगा. उन्होंने स्कूल बंद न करने की बात कहकर हस्ताक्षर जुटाए और स्कूल कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा.

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