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Joshimath Crisis: आठ एजेंसियों ने NDMA को सौंपी स्टडी रिपोर्ट, पुनर्वास के लिए भी पांच जगह चिन्हित की गई

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Published : Jan 25, 2023, 6:22 PM IST

जोशीमठ भू-धंसाव की असल वजह और भविष्य में जोशीमठ रहने लायक है या नहीं, इसको लेकर जो संस्थाएं जोशीमठ में स्थलीय अध्ययन कर रही थीं, उन्होंने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दे दी है. जिस पर अब केंद्र और राज्य अध्ययन करेगी. उसी हिसाब से सरकार जोशीमठ का भविष्य तय करेगी और आगे की प्लानिंग पर विचार किया जाएगा.

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आठ एजेंसियों ने NDMA को सौंपी स्टडी रिपोर्ट

देहरादून: भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के भविष्य पर अध्ययन कर रही आठ अलग-अलग संस्थानों के वैज्ञानिकों की टीमों अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) को सौंप दी है. रिपोर्ट में क्या कुछ निकल कर सामने आया है, इसको लेकर शासन स्तर पर 27 जनवरी को अधिकारियों की बैठक होगी. ये जानकारी उत्तराखंड के आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने दी है.

जोशीमठ के ताजा हालात की जानकारी देते हुए आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि अभीतक 863 भवनों में दरांरे चिन्हित की गईं हैं, जिसमें से 505 भवनों में गंभीर दरारें हैं. इसके अलावा जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में पानी का जो रिसाव हो रहा था, उसकी मात्रा अभी भी 188 एलपीएम बनी हुई. जोशीमठ में अभीतक 286 परिवारों के 957 सदस्यों को विस्थापित किया जा चुका है, तो वहीं राहत राशि के रूप में 360 परिवारों को अब तक तीन करोड़ 70 लाख रुपए दिए जा चुके हैं.
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सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में भू-धंसाव और पानी के रिसाव की असल वजह पता लगाने के लिए अलग-अलग आठ संस्थानों के एक्सपर्ट वहां पर काम कर रहे थे, जो गहराई से जोशीमठ के ताजा हालात का अध्ययन कर रहे थे. सभी संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंप दी है, जिस उत्तराखंड में शासन स्तर पर 27 जनवरी को एक बड़ी बैठक होनी है. विशेष तौर पर यह बैठक जोशीमठ आपदा को लेकर गठित की गई शासन स्तर की कमेटी द्वारा की जा रही है.

उन्होंने बताया कि 27 जनवरी को होने वाली इस बैठक में केंद्र से मांगे जाने वाले राहत पैकेज को लेकर कुछ निर्णायक फैसला लिया जा सकता है. वहीं इसके अलावा कर्णप्रयाग की बहुगुणा नगर में लगातार हो रहे भू-धंसाव पर जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि शिकायतें मिलने पर IIT रुड़की को कर्णप्रयाग बहुगुणा नगर में जांच के लिए निर्देशित किया गया है. जिस पर IIT रुड़की ने अपनी इन्वेस्टीगेशन पूरी कर ली है और आगामी 4 से 5 दिनों में वह अपनी प्रारंभिक जांच सौंप देंगे. जिसके बाद आगामी 10 दिनों में DPR बनाने का काम पूरा हो जाएगा.

विस्थापन के लिए जगह चिन्हित: वहीं, चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने भी एक रिपोर्ट आपदा सचिव को भेजी है, जिसमेंं पुनर्वास को लेकर 5 विकल्प दिए गए हैं. हालांकि, पांच विकल्प कौन-कौन से होंगे? इसकी जानकारी नहीं दी गई है. वहीं, मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि अभी रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद मुख्य सचिव के सामने रिपोर्ट को रखकर वार्ता की जाएगी. मुख्य सचिव से वार्ता के बाद ही विकल्प पर कोई निर्णय लिया जा सकता है.

विस्थापन को लेकर चमोली डीएम ने शासन को भेजी रिपोर्ट...
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मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड तैयारःवहीं, जोशीमठ नगर पालिका के अंतर्गत सुनील में प्रभावित पशुओं के लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड बनकर तैयार हो गया है. आपदा प्रभावित पशुपालकों को पशु चारे के लिए 150 कॉम्पैक्ट फीड ब्लॉक वितरण के साथ ही 84 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.

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