नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जबकि स्कूल नौकरी घोटाला मामले में उनकी याचिका खारिज कर दी गयी थी. न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की अवकाशकालीन पीठ ने उच्च न्यायालय के 18 मई के आदेश के खिलाफ जुलाई में बनर्जी की याचिका पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें उन्होंने हाई कोर्ट के पिछले आदेश को वापस लेने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां उनसे मामले में पूछताछ कर सकते हैं.
पीठ ने कहा कि 10 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह में फिर से सूचीबद्ध करें. लिस्टिंग की अगली तारीख तक विवादित आदेश द्वारा लागत वाले हिस्से को लागू करने पर रोक रहेगी. मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई ने 20 मई को बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी, उन्होंने शीर्ष अदालत से निर्देश मांगा है कि एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए.
टीएमसी नेता का नाम एक स्थानीय व्यवसायी और स्कूल नौकरी घोटाले के आरोपी कुंतल घोष द्वारा दायर एक शिकायत में सामने आया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उन पर टीएमसी के महासचिव बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बना रही थीं, जो टीएमसी के महासचिव हैं. एजेंसी का समन कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा बनर्जी की दायर एक याचिका को खारिज करने के 24 घंटे के भीतर आया था, जिसमें अदालत के पिछले आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं.