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माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर चढ़ाई करने वाली गुजरात की सबसे कम उम्र की लड़की बनी साम्या

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Published : Jan 8, 2023, 11:13 AM IST

साम्या ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए अपने पिता से तीन महीने का प्रशिक्षण लिया. इसके लिए वह एक घंटे तक लगातार फिजिकल ट्रेनिंग और वॉक करती थीं. साथ ही डाइट का भी ध्यान रखा. तीन महीने के लगातार प्रशिक्षण के बाद वह इस पर्वतारोहण के लिए तैयार हुई. साम्या इतनी कम उम्र में 12 दिन और 20 डिग्री तापमान में कैसे माउंट एवरेस्ट बेस पर पहुंच गईं, इस पर ईटीवी इंडिया ने खास बातचीत की...

Samya becomes the youngest girl from Gujarat
माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर साम्या और उसका प्रमाण पत्र.

अहमदाबाद: साम्य पांचाल, जिसकी उम्र नौ साल थी और जो चौथी कक्षा की छात्रा है अहमदाबाद के मेमनगर में रहती है. साम्य ने सिर्फ नौ साल की उम्र में माता-पिता के साथ 17,598 फीट की ऊंचाई पर स्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर चढ़ाई की है. साम्य इस ऊंचाई तक पहुंचने वाली गुजरात की सबसे कम उम्र की लड़की बन गई है. इसे इंडिया वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली है.

साम्या ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए अपने पिता से तीन महीने का प्रशिक्षण लिया. इसके लिए वह एक घंटे तक लगातार फिजिकल ट्रेनिंग और वॉक करती थीं. साथ ही डाइट का भी ध्यान रखा. तीन महीने के लगातार प्रशिक्षण के बाद वह इस पर्वतारोहण के लिए तैयार हुई. इतनी कम उम्र, 12 दिन और 20 डिग्री तापमान में साम्‍या ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की कि कैसे वो माउंट एवरेस्ट बेस पर पहुंचीं. साम्‍या ने कहा कि मैं जिस कैंप तक पहुंची हूं, वो सबसे ऊंचा कैंप है. साम्या ने बताया कि उसे प्रेरणा उसके पिता से मिली.

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उसने कहा कि पापा पहले भी अलग-अलग माउंटेन क्लाइंबिंग कर चुके हैं. उन्हें देखकर ही मैंने भी यह करने की सोची. माउंट एवरेस्ट 20 कैंप की चढ़ाई के दौरान के अनुभव के बारे में बात करते हुए साम्या कहती हैं, मैंने ट्रेक के दौरान सभी मौसमों का अनुभव किया. मैंने इस ट्रेक के दौरान गर्मी, बारिश, बर्फबारी और सभी मौसमों का एक साथ अनुभव किया. हालांकि इस ट्रेक के दौरान मेरी तबीयत भी खराब हो गई थी, फिर भी मैंने हिम्मत रखी और माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पहुंच गई. तमाम चुनौतियों के बावजूद हम बेस कैंप पहुंचे.

मैं इस सारी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देती हूं, क्योंकि अगर मेरे पिता ने यह नहीं सोचा होता, तो मैं आज इस प्रशंसा के लायक नहीं होता. साम्‍या अभी सिर्फ नौ साल की है लेकिन उसके विचार और सपने किसी वयस्‍क से कम नहीं हैं. वह अपने साथियों को संदेश देते हुए कहती है कि आपकी उम्र चाहे कितनी भी हो लेकिन अगर आप मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत हैं तो आप अपने दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल कर सकते हैं.

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इस उपलब्धि के लिए साम्य को कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं. इससे पहले भी वह मनाली के दस हजार फीट ऊंचे ट्रेक पर भी आ चुकी हैं. साथ ही उन्हें इस उपलब्धि के लिए विश्वकर्मा समाज द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. इतना ही नहीं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी उन्हें सबसे कम उम्र में माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने पर बधाई संदेश भेजा है. साम्‍या आने वाले दिनों में एशिया के बाहर सबसे ऊंचे पर्वत एकॉनकागुआ पर चढ़ाई करना चाहती हैं.

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