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Indias 1st Rapid Rail Service : जानें कैसी है भारत की पहली रैपिड रेल, बनेंगे आठ ऐसे कॉरिडोर, हर कॉरिडोर पर खर्च होंगे करीब 30 हजार करोड़!

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 20, 2023, 5:27 PM IST

Updated : Oct 20, 2023, 5:32 PM IST

भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) रेल कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे खंड पर भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड 'नमो भारत' ट्रेन सेवा शुरू हो गई है. पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया. आइए जानते हैं आखिर क्या है नमो भारत ट्रेन सेवा, इसके रूट क्या हैं, भविष्य में ऐसे कितने कॉरिडोर बनाए जाने हैं. Indias 1st Rapid Rail Service, new Regional Rapid Transit System, Namo Bharat, Delhi Ghaziabad Meerut RRTS, rail service, 1st Rapid Rail Service, RRTS Namo Bharat train services.

Indias 1st Rapid Rail Service
पटरी पर दौड़ी भारत की पहली रैपिड रेल

नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल सेवा का उद्घाटन किया. लॉन्च से ठीक एक दिन पहले रेल सेवा का नाम रैपिडएक्स से बदलकर 'नमो भारत' (RapidX to NaMo Bharat) कर दिया गया. यानि नई रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) ट्रेनों को 'नमो भारत' के नाम से जाना जाएगा.

ये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में परिवहन का सबसे हरित साधन (greenest mode of transport) है. यह ऐतिहासिक क्षण भारत में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) की शुरुआत का प्रतीक भी है.

क्या है रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम : ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम है क्या?. आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सेमी-हाई-स्पीड, हाई-फ़्रीक्वेंसी कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है. जो दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ को जोड़ेगी. इसकी अनुमानित लागत 30,000 करोड़ रुपये से अधिक है. यह गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों से गुजरते हुए एक घंटे के अंदर दिल्ली को मेरठ से जोड़ देगी.

मिलेगी 160 किमी/घंटा की रफ्तार:यह भारत की पहली क्षेत्रीय रेल है, जिसे 180 किमी/घंटा की स्पीड से चलने के लिए डिजाइन किया गया है, इसकी परिचालन गति 160 किमी/घंटा है. इसका पहला कॉरिडोर 82 किमी लंबा है और दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच निर्माणाधीन है. साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किमी लंबा खंड प्राथमिकता खंड है, जिसे कल जनता के लिए चालू किया जाएगा. इस खंड में पांच स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. बिजली से चलने वाली आरआरटीएस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में परिवहन का सबसे हरित साधन है.

हर 15 मिनट में उपलब्ध होगी ट्रेन :पीआईबी विज्ञप्ति के अनुसार, 'हर 15 मिनट में इंटरसिटी आवागमन के लिए हाई-स्पीड ट्रेनें होंगी, जो आवश्यकता के अनुसार हर 5 मिनट की आवृत्ति तक की जा सकती हैं.' यानि शुरुआत में ट्रेनें हर 15 मिनट में उपलब्ध होंगी, हालांकि भविष्य में आवश्यकता के आधार पर आवृत्ति बढ़ाई जा सकती है.

'नमो भारत' के अंदर क्या हैं सुविधाएं :प्रत्येक 'नमो भारत' ट्रेन में एक प्रीमियम कोच सहित छह कोच हैं. हर ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा. अधिकारियों ने बताया कि कोचों में सीटों को क्रमानुसार क्रमांकित किया गया है. उन्होंने कहा कि अन्य डिब्बों में महिलाओं, विशेष रूप से दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी सीटें आरक्षित हैं. प्रीमियम कोचों में एक अलग रंग कोड वाली सीट होगी. एक वेंडिंग मशीन स्थापित करने का प्रावधान है, इसके अलावा कई अतिरिक्त यात्री-केंद्रित सुविधाएं जैसे कि रिक्लाइनिंग सीटें, कोट हुक, मैगज़ीन होल्डर और फ़ुटरेस्ट होंगे. प्रीमियम श्रेणी के कोच में प्रवेश प्लेटफार्मों पर एक गेटेड प्रीमियम लाउंज के माध्यम से होगा। प्रत्येक लाउंज में गद्देदार सीटें और एक वेंडिंग मशीन है.

सेफ्टी का खास ध्यान : ट्रेनों में सुरक्षा सुविधाओं में सीसीटीवी कैमरे, एक आपातकालीन दरवाजा खोलने की व्यवस्था और ट्रेन ऑपरेटर के साथ संवाद करने के लिए एक बटन शामिल हैं. बेहतर सुरक्षा के लिए, प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशन प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) से सुसज्जित है. ये PSDs आरआरटीएस ट्रेन दरवाजे और सिग्नलिंग प्रणाली के साथ एकीकृत हैं. अधिकारियों ने कहा कि ट्रेनों के दरवाजों पर एक पुश-बटन सुविधा यात्रियों को स्टेशन पर रुकने पर ट्रेन में चढ़ने और उतरने की अनुमति देगी.

कितना लगेगा किराया :अधिकारियों ने कहा कि लोग इस लाइन पर साहिबाबाद और दुहाई डिपो स्टेशनों के बीच लगभग 12 मिनट में यात्रा कर सकते हैं. इस आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर साहिबाबाद से दुहाई डिपो स्टेशन तक एक तरफ की यात्रा का किराया 50 रुपये होगा, जबकि प्रीमियम श्रेणी के कोच में उसी मार्ग का किराया 100 रुपये होगा. यदि कोई यात्री एक स्टेशन, मान लीजिए साहिबाबाद स्टेशन से प्रवेश करता है और उसी स्टेशन से बाहर निकलता है, तो इसका शुल्क 20 रुपये होगा. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने कहा कि 90 सेमी से कम ऊंचाई वाले बच्चों को मुफ्त यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी.

पूरा रूट शुरू होने पर ये होगा फायदा :एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के 82 किमी लंबे रूट पर आरआरटीएस पूरी तरह से शुरू हो जाने के बाद करीब एक लाख से अधिक निजी वाहन सड़क से कम हो जाएंगे. इसका असर एनसीआर की हवा पर भी पड़ेगा. अनुमान है कि प्रति वर्ष वाहन उत्सर्जन में 2,50,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड कम हो जाएगा. गौरतलब है कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की आधारशिला 8 मार्च, 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी.

बनेंगे आठ कॉरिडोर :राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है. इनमें से चरण-I कार्यान्वयन के लिए तीन गलियारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इनमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल हैं.

आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण एनसीआरटीसी द्वारा किया जा रहा है, जो दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों के साथ केंद्र की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है. एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस के निर्माण की देखरेख का काम सौंपा गया है.

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