दिल्ली

delhi

ऋषि सुनक ने रचा इतिहास, भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश PM बने

By

Published : Oct 25, 2022, 3:37 PM IST

Updated : Oct 25, 2022, 5:34 PM IST

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री (Rishi Sunak new UK Prime Minister) बने. 42 वर्षीय सुनक किंग चार्ल्स III से मुलाकात करने बकिंघम पैलेस पहुंचे जहां उन्हें औपचारिक रूप से पीएम पद की जिम्मेदारी दी गई. इससे पहले लिज़ ट्रस ने अपनी अंतिम कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि इस महान देश का प्रधानमंत्री बनना बड़ा सम्मान रहा है.

Rishi Sunak new UK Prime Minister
भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री

लंदन : ऋषि सुनक ने मंगलवार को महाराजा चार्ल्स तृतीय के साथ मुलाकात के बाद औपचारिक रूप से भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया. इससे पहले उन्हें दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था.

इससे पहले निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने सुबह 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अपनी अंतिम कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की और उसके बाद उन्होंने महाराजा (73) को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप दिया. उसके बाद सुनक महाराजा से मुलाकात के लिए महल पहुंचे, जहां उन्हें ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री के रूप में नयी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया.

ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं. महाराजा से मुलाकात के बाद ऋषि सुनक ने कहा कि उन्होंने नई सरकार बनाने के लिए महाराजा चार्ल्स तृतीय के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा, 'हमारा देश रूस-यूक्रेन युद्ध व महामारी के कारण गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है... कुछ 'गलतियां' हुई थीं और उन्हें दुरुस्त करने के लिए उन्हें चुना गया है और गलतियों को ठीक करने का काम तुरंत शुरू हो रहा है.'

सुनक ने कहा, 'आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, मैं उनसे सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निपटने का आपसे वादा करता हूं.' पार्टी का नेता चुने जाने के बाद अपने पहले संबोधन में सुनक ने सोमवार को कहा था कि उनकी प्राथमिकता देश को एकजुट करने की होगी. उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन एक महान देश है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश एक गंभीर आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है.

'भरोसा जीता जाता है और मैंने आपका भरोसा जीता' :सुनक ने कहा कि 'मैं अपनी पार्टी का नेता चुना गया हूं, मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं उसी मानवता के साथ काम करूंगा और आपके और आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य निर्माण करने पर कार्य करूंगा. मैं अपने देश को न सिर्फ शब्दों से बल्कि गतिविधियों के साथ एकजुट करूंगा.'

उन्होंने कहा कि 'मेरी सरकार ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करेगी जो ब्रेक्सिट के अवसरों का अधिकतम लाभ उठाए. इस समर्थन का मैं पूरी इमानदारी के साथ निर्वहन करते हुए आपके लिए कार्य करूंगा. भरोसा जीता जाता है और मैंने आपका भरोसा जीता है.'

जानिए कौन हैं ऋषि सुनक? : ऑक्सफॉर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे दुनिया के नामचीन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा हासिल करने वाले ऋषि सुनक भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री हैं.

  • 42 वर्षीय सुनक का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में एक भारतीय परिवार के यहां हुआ था. उनके दादा-दादी का ताल्लुक पंजाब से था.
  • फार्मेसिस्ट मां और डॉक्टर पिता के बेटे सुनक ने इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक विनचेस्टर से पढ़ाई की है. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय गए. उन्होंने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक में काम किया और बाद में अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए किया. यहीं उनकी मुलाकात अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति से हुई, जो इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं.
  • सुनक ने हेज फंड (जमा निवेश फंड) प्रबंधक क्रिस होन के टीसीआई फंड मैनेजमेंट में लगभग तीन वर्षों तक काम किया और फिर पैट्रिक डीगॉर्स के हेज फंड 'थेलेम पार्टनर्स' में काम करने लगे.
  • उन्होंने अक्षता से 2009 में शादी की और दंपति की दो बेटियां हैं, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं.
  • सुनक 2015 में रिचमंड, यॉर्कशायर से संसद सदस्य बने.
  • उन्होंने संसद में भगवद् गीता पर सांसद के रूप में शपथ ली.
  • फरवरी 2020 में उन्हें ब्रिटेन के कैबिनेट के सबसे महत्वपूर्ण पद, 'चांसलर ऑफ एक्सचेकर' यानी वित्त मंत्री नियुक्त किया गया.
  • बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट के अपने आवास पर दिवाली पर दीए जलाए. वह शराब का सेवन नहीं करते हैं.
  • वह अक्सर अपनी विरासत के बारे में बात करते हैं और बताते हैं कि कैसे उनके परिवार ने उन्हें मूल्यों और संस्कृति के बारे में याद दिलाया.
  • जब बोरिस जॉनसन ने कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया, तो सुनक ने लाखों नौकरियां बचाने के लिए एक व्यापक राहत पैकेज तैयार किया.
  • जॉनसन के करीबी माने जाने वाले सुनक पूर्व प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व से ठीक विपरीत शख्सियत प्रतीत होते रहे.
  • सुनक के जब सितारे चमक रहे थे तब ब्रिटेन की पत्रिकाएं उन्हें 'डिशी ऋषि' यानी 'आकर्षक ऋषि' कहते थे. मगर उनकी पत्नी अक्षता की कर स्थिति और दौलत के साथ-साथ 'पार्टीगेट' कांड में उनका नाम आने और लाखों लोगों के लिए कर बढ़ाने के सुनक के कदम की कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा आलोचना ने उनकी स्थिति बदली और उन्हें 'फिशी ऋषि' यानी 'संदिग्ध ऋषि' कहा जाने लगा.
  • सुनक दंपति की वित्तीय स्थिति हाल ही में जांच के दायरे में तब आई, जब यह पता चला कि अक्षता अब भी भारतीय नागरिक हैं और उनकी ब्रिटेन में गैर-अधिवासित स्थिति है. इस वजह से उन्हें विदेशी कमाई पर यहां कर नहीं देना पड़ता है और वह भारत वापस जाने की योजना बना रही हैं. अक्षता के गैर-अधिवासी होने की वजह से वह इंफोसिस के शेयर से मिलने वाले लाभांश पर लगभग दो करोड़ पाउंड का कर बचा पाईं.
  • इस साल प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचार के दौरान सुनक को कई मोर्चों पर आलोचना का सामना करना पड़ा, जिनमें आलीशान घर, महंगे कपड़े और जूते शामिल थे.
  • सुनक की कुल संपत्ति 70 करोड़ पाउंड की है. यॉर्कशायर में एक आलीशान बंगले के अलावा, सुनक और उनकी पत्नी अक्षता के पास मध्य लंदन के केंसिंग्टन में और एक संपत्ति है.

चुनौतियां:सुनक ने ऐसे समय सत्ता की कमान संभाली है, जब ब्रिटेन धीमी गति से विकास, उच्च मुद्रास्फीति, यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट घाटा जैसे मुद्दों से जूझ रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की वित्तीय विश्वसनीयता को कमजोर किया है.

उनका पहला काम ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, क्योंकि निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस द्वारा करों में कटौती किए जाने की योजना और एक महंगी ऊर्जा मूल्य गारंटी ने बांड बाजार को झकझोर दिया. उनके पास कर दरों को बढ़ाने और खर्च में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जो अलोकप्रिय होगा और इसके अप्रत्याशित राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं.

ट्रस ने सुनक को बतौर ब्रिटिश प्रधानमंत्री 'हर सफलता' मिलने की कामना की :ब्रिटेन की निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने मंगलवार को लंदन में 10 डाउनिंग स्ट्रीट के दरवाजे पर अंतिम भाषण में अपने उत्तराधिकारी ऋषि सुनक को 'हर सफलता' मिलने की कामना की. इससे बाद ट्रस महाराजा चार्ल्स तृतीय को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपने के लिए बकिंघम पैलेस गईं.

इस मौके पर ट्रस के पति ह्यूग ओ लेरी और उनकी दो बेटियां भी साथ थीं. सबसे कम समय तक ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रहीं ट्रस ने अपना कार्यकाल इन उम्मीदों के साथ समाप्त किया कि देश का उज्ज्वल भविष्य सामने है. महाराजा के साथ उनकी मुलाकात के तुरंत बाद सुनक महाराजा से मिले. ट्रस ने कहा, 'मैं अपने देश की बेहतरी के लिए ऋषि सुनक को हर सफलता मिलने की कामना करती हूं.'

उन्होंने कहा, 'हमारा देश संकटों के तूफान से जूझ रहा है. लेकिन मुझे ब्रिटेन में विश्वास है. मुझे ब्रिटिश लोगों में भरोसा है और मुझे पता है कि उज्ज्वल भविष्य सामने है.'

ट्रस ने इससे पहले आखिरी बार अपनी कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में, उन्होंने अपने 45 दिनों की 'महत्वपूर्ण उपलब्धियों' की चर्चा की. अपने कार्यकाल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया कि देश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर शोक व्यक्त कर सके और महाराजा चार्ल्स तृतीय का नए सम्राट के रूप में स्वागत कर सके. उन्होंने कहा कि वह देश के इतिहास में एक 'महत्वपूर्ण क्षण' था.

बैठक के बारे में डाउनिंग स्ट्रीट द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, निवर्तमान प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने आम लोगों और व्यवसायों को अत्यधिक ऊर्जा बिल से बचाने के लिए त्वरित काम किया और ऊर्जा मूल्य गारंटी को लागू किया, जिससे इस सर्दी में औसत परिवार को करीब 700 ब्रिटिश पाउंड की बचत हुई. ट्रस ने 6 सितंबर को पदभार ग्रहण किया था.

(एक्स्ट्रा इनपुट भाषा)

पढ़ें- पिछले 200 सालों में ब्रिटेन को मिला अपना सबसे युवा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक

Last Updated : Oct 25, 2022, 5:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details