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दुनिया के सात देशों का नेतृत्व भारतीय मूल के व्यक्तियों के पास

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Published : Oct 25, 2022, 6:25 PM IST

भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. भारत के लिए यह सचमुच एक सुनहरा पल है. जिस देश ने कभी भारत पर राज किया था, आज उसी देश का एक व्यक्ति ब्रिटेन का 'शासक' बनने जा रहा है. दरअसल, जब भारत आजाद हो रहा था, तब विंस्टन चर्चिल ने भारतीयों पर कुटिल टिप्पणी की थी. चर्चिल ने भारतीयों की क्षमता पर सवाल उठाए थे. आज उसी ब्रिटेन में भारतीय मूल का एक व्यक्ति शिखर तक पहुंच गया. हालांकि, इससे पहले भी भारतीय मूल के कई व्यक्ति दूसरे देशों में शिखर तक पहुंच चुके हैं. फिलहाल दुनिया में सात ऐसे देश हैं, जिसका नेतृत्व भारतीय मूल के व्यक्ति कर रहे हैं.

rishi sunak
ऋषि सुनक

नई दिल्ली : ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनक बनने जा रहे हैं. वह इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. भारत के लिए यह सचमुच गौरवान्वित करने वाला पल है. वैसे, ब्रिटेन ही नहीं, अभी दुनिया में सात ऐसे देश हैं, जिसका नेतृत्व भारतीय मूल के व्यक्तियों के पास है. आइए इस पर एक नजर डालते हैं.

मॉरीशस- यहां के प्रधानमंत्री पी. जगन्नाथ हैं. वह बिहार मूल के हैं. उनके पिता ए. जगन्नाथ भी पीएम रह चुके हैं. ए. जगन्नाथ के निधन पर उनका अस्थि विसर्जन करने पी. जगन्नाथ वाराणसी आए थे. जगन्नाथ के पूर्वज उत्तर प्रदेश के बलिया जिले केरसड़ा थाना इलाके के अठिलपुरा गांव में रहने वाले थे. उनका परिवार 1873 में गिरमिटिया मजदूर के रूप में गन्ने की खेती के लिए मॉरीशस गया था. मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन भी भारतीय मूल के ही हैं.

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ पी. जगन्नाथ

सिंगापुर- सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याकूब हैं. वह सिंगापुर की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं हैं. वह वहां के संसद की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. उनकी मां मलय समुदाय से हैं, जबकि पिता भारतीय थे. सिंगापुर में मलय आबादी करीब 15 फीसदी है. मलय एक खास सांस्कृतिक समूह है. ये लोग ज्यादातर मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, ब्रूनेई, सिंगापुर और दक्षिणी थाइलैंड के इलाकों में रहते हैं. मलय समुदाय सिंगापुर में अल्पसंख्यक है.

पति के साथ हलीमा याकूब

गुयाना - गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली भी भारतीय मूल के हैं. गुयाना में सालों पहले कई भारतीय परिवार गए थे. उन्हीं परिवारों में से एक परिवार इनका भी था. गुयाना में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है. अंग्रेजों का शासन काल में ही भारतीय यहां पर आए थे.

पुर्तगाल- यहां के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा हैं. एंटोनियो के पास ओसीआई कार्ड है. पीएम मोदी ने 2017 में उन्हें यह कार्ड सौंपा था. कोस्टा गोवा में नहीं रहे. उनके दादा अफोंसो मारिया डी कोस्टा गोवा के रहने वाले थे. उनके रिश्तेदार अभी भी गोवा में रहते हैं. उनके पिता प्रसिद्ध साहित्यकार ओरलैंडो कोस्टा गोवा में रहे थे. ओरलैंडो को रविंद्रनाथ टैगोर पर लिखे उनके निबंधों के लिए भी जाना जाता है. ओरलैंडो 20 साल की उम्र में ही पुर्तगाल चले गए. यहीं पर उन्होंने मारिया एंटोनिया से शादी कर ली.

एंटोनियो कोस्टा के साथ पीएम मोदी

सेशेल - यहां के राष्ट्रपति वावेल रामकलावन हैं. उनके दादा बिहार के गोपालगंज से थे. वह लोहार थे. रामकलवान ने अपनी स्कूल से लेकर कॉलेज की पढ़ाई सेशेल्स में ही पूरी की थी. वह मॉरीशस में धार्मिक अध्ययन के बाद एक पुजारी बने थे.

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ वावेल रामकलावन

सूरीनाम- यहां के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने संस्कृत में शपथ ली थी. सूरीनाम एक पूर्व डच उपनिवेश है. यहां की कुल आबादी 587,000 है. इनमें 27.4 प्रतिशत लोगों के साथ भारतीय मूल के लोग सबसे बड़ा जातीय समूह हैं.

चंद्रिका प्रसाद संतोखी

अमेरिका- कमला हैरिस अमेरिका की उप-राष्ट्रपति हैं. वह तमिलनाडु से ताल्लुकात रखती हैं. उनकी मां तमिलनाडु, जबकि पिता जमैका से थे. कमला को साल 2021 में कुछ देर के लिए (करीब 85 मि.) के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति की शक्तियां दी गई थीं.

कमला हैरिस

इतना ही नहीं, भारतीय मूल के व्यक्ति अलग-अलग देशों में भी काफी अहम पदों पर काबिज हैं. इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.

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